शिखिल ब्यौहार, भोपाल। MP Mid Day Meal Scam: मध्य प्रदेश में मिड-डे मील के नाम पर 23 जिलों में हुई आर्थिक गड़बड़ी का मामला अब गर्म होने लगा है। कांग्रेस ने मामले पर न सिर्फ सरकार पर निशाना साधा बल्कि जांच को लेकर भी कई सवाल खड़े किए। कांग्रेस ने सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार ने कलेक्टरों को जांच के आदेश दिए हैं। हालत ऐसी है कि सरकार चोरी करने वाले से ही जांच करा रही है। लिहाजा, जांच में सिर्फ निचले स्तर के कर्मचारियों पर ही गाज गिरना तय है। जबकि कलेक्टरों से रिपोर्ट मांग उच्च स्तर जांच के आदेश जारी किए जाने थे।
कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि इस घोटाले में कलेक्टर से लेकर मंत्रालय में बैठने वाले बड़े अधिकारी भी दोषी हैं। जिनकी मिलीभगत के चलते करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया। उन्होंने बताया कि कोविड काल में भी बंद सरकारी स्कूलों में खाद्यान्न के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ था। लेकिन मामले को जांच का हवाला देकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब मिड डे मील मामले में सुनियोजित तरीके से बड़े स्तर पर धांधली को अंजाम दिया गया।
बीजेपी ने कही दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की जिम्मेदारी थी बंद स्कूलों में गरीब बच्चों के भोजन की इस लूट का खुलासा कर तत्काल एक्शन लिया जाता। दिल्ली के एक ईमानदार अफसर ने मध्यप्रदेश के एक और बड़े घोटाले को उजागर किया। राज्य सरकार की नाकामी के बाद मामले को दबाने के लिए कलेक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उधर, बीजेपी ने दावा किया कि सरकार मामले पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। बीजेपी नेता दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस को संवैधानिक व्यवस्था पर विश्वास नहीं है। गड़बड़ी पर बयानबाजी करने से पहले कांग्रेस को जांच और रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।
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