बेगूसराय। बिहार के बाहुबली नेताओं से जुड़े एक पुराने मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। विशेष न्यायाधीश सह एडीजे-2 संजय कुमार साहू की अदालत ने भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री राम लखन सिंह को दोषी पाते हुए 4 साल की सजा और जुर्माना लगाया है। इसी मामले में उनके ड्राइवर वीरेंद्र ईश्वर को भी समान सजा दी गई है। वहीं पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को 1 साल की सजा सुनाई गई हालांकि उन्हें बाद में जमानत दे दी गई।
जब पुलिस पर हुई थी फायरिंग
यह पूरा मामला 9 अक्टूबर 1992 का है। बेगूसराय जिले के एफसीआई ओपी क्षेत्र में पुलिस को सूचना मिली थी कि मोम फैक्ट्री में अपराधियों का जमावड़ा है और वे किसी बड़ी घटना की योजना बना रहे हैं। छापेमारी के दौरान फैक्ट्री का दरवाजा अंदर से बंद था और पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी गई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने मौके से भाजपा नेता राम लखन सिंह और उनके ड्राइवर वीरेंद्र ईश्वर को पकड़ लिया। वहां से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद हुए।
सूरजभान का नाम आया पूछताछ में
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में राम लखन सिंह ने तत्कालीन बाहुबली नेता सूरजभान सिंह का नाम सामने रखा। इसके बाद एफसीआई ओपी के एएसआई उमाशंकर सिंह ने प्राथमिकी दर्ज की। बरौनी थाना कांड संख्या-406/92 के रूप में यह मामला अदालत तक पहुंचा।
12 गवाहों ने दी गवाही
लंबी सुनवाई के दौरान तात्कालीन डीएम रामेश्वर सिंह सहित कुल 12 गवाहों की गवाही अदालत में दर्ज की गई। गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने तीनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया।
किसे क्या सजा मिली
अदालत ने दोषियों को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई। राम लखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर – धारा 307 (हत्या की कोशिश) आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं में 4 साल की सजा और जुर्माना लगाया और वहीं सूरजभान सिंह धारा 353 (सरकारी काम में बाधा डालने) में 1 साल की सजा और जुर्माना बाद में जमानत मिल गई।
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