शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में मेट्रो का मुद्दा गूंजा। सदन में चौथे दिन कांग्रेस ने मेट्रो का मुद्दा उठाया। विधायक आरिफ मसूद ने कई सवाल किए। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश ने जवाब दिया। वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मुझे गर्व है कि कांग्रेस शासनकाल में मेरे मुख्यमंत्री रहते इसका शिलान्यास हुआ।

एमपी विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही का आज चौथा दिन है। प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने पूछा कि मध्य प्रदेश मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत ऑरेंज मेट्रो लाइन (AIIMS से करौद) का निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया और कार्य पूर्ण करने की नियत तिथि क्या थी ? प्रारंभ में कार्य की कुल कीमत क्या थी तथा वर्तमान में कार्य की लागत क्या है ? समय-समय पर परिवर्तन प्लान के साथ मय मानचित्र और सर्वे की जानकारी सहित दस्तावेज उपलब्ध कराएं। साथ ही अब तक कुल कितनी जमीन का अधिग्रहण किया गया और कितनी जमीन का अधिग्रहण शेष है ? पुनर्स्थापन के सर्वे सहित संपूर्ण जानकारी बताएं। ब्लू लाइन (भदभदा से रत्नागिरी) का कार्य प्रारंभ किया गया है ? कार्य की कुल लागत क्या है और कार्य किन-किन कंपनियों को दिया गया है, उनके साथ हुए अनुबंध, राशि की जानकारी मांगी।

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मंत्री कैलाश ने दिया ये जवाब

इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जवाब देते हुए कहा कि मेट्रो को लेकर संपूर्ण रूपरेखा तैयार की गई थी। केंद्र सरकार ने इंटरेस्ट लिया। लाइट मेट्रो पर भी विचार मंथन किया गया था। 2018 में स्वीकृति मिली थी। मेट्रो एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसका निर्धारित नहीं अनुमानित बजट होता है, विकासशील शहर में कभी भी अनुमान सही नहीं होता। सप्लीमेंट्री बजट बनाया है। कोरोना के कारण समय बर्बाद हुआ। इंदौर में मेट्रो प्रथम चरण आ गया है भोपाल में आने वाला है, इस पर गर्व करना चाहिए।

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आपका सुझाव मेरे सर आंखों पर- नगरीय प्रशासन मंत्री, कमलनाथ बोले- गंभीरता से काम करें सरकार

मंत्री के बयान पर आरिफ मसूद ने कहा कि सरकार सही जवाब नहीं दे रही है, सरकार घुमा रही है। पूरा शहर खोद डाला, जनप्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया नहीं जाता है। एक प्रोजेक्ट को पूरा नहीं करते, दूसरे पर काम शुरू कर देते हैं। शहर परेशान हो रहा है। इस पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि आपका सुझाव मेरे सर आंखों पर। वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मैं केंद्र में मंत्री था, तब मुझे शर्म आती थी मध्य प्रदेश में मेट्रो नहीं थी। बाबूलाल गौर तक सरकार में थे। डीपीआर का पहला पैसा मैंने दिया। जब मैं मुख्यमंत्री बना तब टीपीआर कंपलीट हुई। मुझे गर्व है कांग्रेस शासन काल मेरे मुख्यमंत्री रहते इसका शिलान्यास हुआ। सरकार को इस मामले पर गंभीरता से काम करना चाहिए।

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