मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में यूरिया खाद का संकट मंडराने लगा है। लाइसेंसी दुकानदारों की कालाबाजारी के कारण खाद का संकट बढ़ रहा है। चंबल खाद भंडार पर छापामार कार्रवाई के बाद हकीकत सामने आई है।प्रशासन की टीम को दुकानदार के ऑनलाइन रिकार्ड में 1066 बोरी यूरिया का स्टाक मिला, लेकिन गोदाम में मात्र 102 बोरी निकले।

जिले के कैलारस क्षेत्र में किसान खाद के लिए चक्का जाम कर चुके हैं, गुरुवार सुबह किसानों ने कलेक्टर बंगले के सामने प्रदर्शन किया। इसके बाद कलेक्टर अंकित अस्थाना ने जिलेभर के अफसरों की मीटिंग ली। जिसमें कलेक्टर ने कहा कि जब पर्याप्त मात्रा में खाद है तो यह संकट नहीं होना चाहिए। कलेक्टर को शिकायत मिली थी कि जिन व्यापारियों को बाजार में खाद बेचने दिया जाता है। वह सरकारी रेट पर खाद बेचने के बजाय एक बोरे को 40 से 50 रुपये अधिक में ब्लैक कर रहे हैं। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम भूपेंद्र सिंह कुशवाह, उप संचालक कृषि अनंत बिहारी सरैया, मुरैना तहसीलदार और पुलिस की टीम ने जीवाजीगंज स्थित कई खाद दुकानों पर जांच पड़ताल की।

मुरैना में खाद की किल्लत: नाराज किसानों ने कलेक्टर बंगले का किया घेराव, समय पर नहीं मिल रही खाद

जब टीम चंबल खाद भंडार की दुकान पर पहुंची और ऑनलाइन खाद वितरण वाला पीओएस रिकार्ड चेक किया, तो रिकार्ड के अनुसार व्यापारी के पास 1 हजार 66 बोरे का स्टाक था। अफसरों को भारी मात्रा में स्टाक में गड़बड़ी लगी और तत्काल गोदाम खुलवाया। गोदाम के एक कोने में कुछ यूरिया के बोरे रखे थे। गिनती की गई तो 102 बोरे निकले, जबकि 964 बोरे गायब थे। प्राथमिक जांच में खाद की कालाबाजारी सामने आने के बाद कृषि विभाग के निरीक्षक ने संचालक पर एफआईआर के लिए कोतवाली थाने में आवेदन दिया है।

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