मनोज उपाध्याय, मुरैना। मुरैना में अवैध वसूली के मामले में गिरफ्तार भाजपा के दो नेताओं को न्यायालय में पेश करने से पहले ही धाराएं बदलकर थाने से जमानत देकर छोड़ने का मामला सामने आया है। आरोप है कि बीजेपी से जुड़े होने के कारण आरोपियों को एसपी ने थाने पहुंचकर छुड़वाया। इस मामले को लेकर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने आ गई हैं।
इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस भारतीय जनता पार्टी के गुंडों को संरक्षण देने का काम कर रही है और आम जनता को छोटे-छोटे मामले में जेल भेजने का काम करती है, इसलिए जिले में गुंडाराज कायम है। तपसी गुफा मंदिर की प्रॉपर्टी पर कब्जा व दुकानों से किराए की अवैध वसूली के अपराध में गिरफ्तार भाजपा नेता अशोक यादव व पूर्व सरपंच सुरेंद्र यादव को सिविल लाइन थाने से जमानत पर छोड़ दिया गया। पुलिस अधीक्षक ने आनन-फानन में केस के विवेचक को बदल दिया, ताकि मनमाफिक विवेचना कराई जा सके।
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दरअसल, सिविल लाइन थाना पुलिस ने 3 नवंबर 2022 को दर्ज अपराध क्रमांक 1092 में दफा 420, 448, 294 व 506 के तहत रासबिहारी शरण, रामशरण, सुरेंद्र यादव व अशोक यादव को आरोपी बनाया था। विवेचना के दौरान इस केस में पुलिस ने धाराओं (467,468 व 472) में इजाफा किया। इसका पर्चा केस डायरी में संलग्न है। इस मामले में पुलिस दानबिहारी को पहले पकड़ लिया था, जो अभी तक जेल में हैं। जबकि आरोपी अशोक यादव व सुरेंद्र यादव फरार चल रहे थे, जिनको विवेचक एसआई रामकुमार गौतम ने गिरफ्तार किया। टीआई प्रवीण चौहान ने पकड़े गए दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने की जानकारी दी, लेकिन भोपाल से दबाव में पुलिस अधीक्षक सिविल लाइन थाने पहुंचे और उन्होंने इस प्रकरण की विवेचना कर रहे एसआई रामकुमार गौतम से केश डायरी वापस लेकर नए विवेचक के तौर पर टीआई चौहान को नियुक्त कर दिया। एसपी के निर्देश पर अपराधिक मुकदमा की धाराएं बदलने के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया। जबकि धाराएं बढ़ाने के कारण पूर्व में गिरफ्तार आरोपी रासबिहारी जेल में है।
इस संबंध में सीएसपी अतुल सिंह का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी धारा 420 के अपराध की गई थी, इसलिए उनको धारा 41 के नोटिस पर जमानत देकर छोड़ दिया गया, लेकिन पुलिस ने भाजपा नेताओं पर जिन धाराओं का इजाफा किया था उन धारा में जमानत होना बहुत ही मुश्किल था।
आरोपियों को छोड़ने पर गरमाइ सियासत
राजनीतिक दबाव के कारण दोनों आरोपियों को थाने से ही छोड़े जाने पर अब मुरैना में राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता भू माफियाओं के साथ मिलकर मंदिरों की और सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, जब भी पुलिस के अधिकारी कार्रवाई करते हैं तो बड़े नेताओं के फोन आ जाते हैं। इससे ऐसा लग रहा है कि पुलिस के अधिकारियों पर राजनीतिक हस्तक्षेप भारी है, इसलिए माफिया जिले में फल फूल रहे हैं।
मुरैना पुलिस का क्रूर चेहरा आया सामने
इधर, मुरैना जिले के जोरा थाना प्रभारी की बर्बरता सामने आई है। आरोप है कि राह चलते अधेड़ को पकड़कर जुआ सट्टे खेलाने का आरोप लगाकर उसके साथ मारपीट की गई। अधेड़ की तबीयत बिगड़ने पर स्थानी लोग और भाजपा नेताओं ने थाने का घेराव कर दिया और टीआई को हटाने की मांग की। पीड़ित ने टीआई ओपी आर्य पर रुपए मांगने के आरोप लगाए हैं।
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