मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना (Morena) जिले में खाद का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। खाद की किल्लत और कालाबाजारी का ताजा मामला पोरसा से सामने आया है। जहां बाजार में खाद का बोरा 50 रुपए और डीएपी का बोरा 145 रुपए ब्लैक में बिका। इसकी शिकायत प्रशासन तक पहुंची, लेकिन जांच करने पहुंचे अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

सोमवार को पोरसा में सोसायटी पर खाद के लिए किसानों की कतार पांच-पांच घंटे तक लगी रही। कई किसान बिना खाद के लौट गए। सोसायटी से मायूस लौटे किसानों ने बाजार में निजी दुकानों से महंगे दाम पर खरीदा। पोरसा के अटेर रोड पर स्थित घनश्याम ट्रेडर्स ने सिंगपुरा गांव के पानसिंह को यूरिया खाद का एक बोरा 330 रुपये का बेचा गया। सोसायटी पर यूरिया खाद का बोरा 270 रुपये का है, यानी यूरिया का एक बोरा 50 रुपये ब्लैक में बिका।

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वहीं डीएपी का बोरा 1500 रुपये का किसानों को दिया गया। जबकि सोसायटियों से डीएपी खाद का बोरा 1355 रुपये का दिया जा रहा है। बाजार में डीएपी का बोरा 145 रुपये तक कालाबाजारी में दिया जा रहा है। इसे लेकर किसानों ने हंगामा कर दिया।

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किसानों ने घनश्याम ट्रेडर्स के दिए गए बिल बताते हुए, अपर कलेक्टर तक से शिकायत की। शिकायत के बाद कृषि विभाग के एसडीओ जांच व कार्रवाई के लिए पहुंचे, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने खाद के बोरे दुकानदार को वापस दिए और किसानों के रुपये व्यापारी ने लौटा दिए। किसानों ने बताया कि यूरिया का बोरा 50 रुपये तो डीएपी का बोरा 150 रुपये तक ब्लैक में दिया जा रहा है। सोसायटी से खाद नहीं मिल रहा।

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