मनोज उपाध्याय, मुरैना/ संजय विश्वकर्मा, उमरिया। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के एक अस्पताल में मरीज के अंटेडरों ने डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के साथ मारपीट कर तोड़फोड़ कर दी। जिसके बाद खंड चिकित्सा अधिकारी ने थाने में मामला दर्ज कराया है। इधर उमरिया जिले में संविदा स्वास्थ्य कर्मी बीते दो दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है, जिससे शहर की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है।

अस्पताल में डॉक्टर स्टाफ के साथ मारपीट कर तोड़फोड़

मुरैना जिले के पोरसा अस्पताल में बीती रात मरीज के अटेंडरों ने डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के साथ मारपीट कर तोड़फोड़ कर दी। दरअसल, रात लगभग 10.30 बजे सचिन पुत्र बलवीर सिंह उम्र 25 वर्ष हीरा कीटनाशक पीने की शिकायत लेकर आए अरविंद तोमर अस्पताल पहुंचे। मरीज के वाईटल सामान्य थे, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद मुरैना जिला अस्पताल रेफर किया गया।

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इसके बाद अरविंद तोमर और उसके साथियों ने ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टर नीलेश यादव और नर्सिंग ऑफिसर जितेंद्र गुर्जर के साथ हाथापाई और गाली गलौज की। साथ ही अस्पताल में तोड़फोड़ की। जिसमें एंबुलेंस, अस्पताल के दरवाजे, लाइट वायरिंग, खिड़कियों के कांच, जच्चाखाने के पलंग को नुकसान पहुंचाया।

बताया गया कि अरविंद तोमर ने इसके पहले भी डॉक्टर नीलेश यादव पर बंदूक लाइसेंस रिनूअल के लिए मेडिकल बनाने के लिए अनैतिक दबाव बनाया गया है, जबकि जिस व्यक्ति का मेडिकल होना था वह मौके पर उपस्थित नहीं था। इसके अलावा अरविंद तोमर अन्य डॉक्टरों पर नियम विरूद्ध एम.एल.सी बनाने का दबाव बनाया जाता रहा है।

कल रात हुई घटना से सभी कर्मचारियों में डर का माहौल है। जिससे अस्पताल स्टाफ में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई है। इसे लेकर ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने पोरसा थाने में मामला दर्ज कराते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे 350 संविदा स्वास्थ्य कर्मी

प्रदेश के उमरिया जिले में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। स्वास्थ्य कर्मी बीते दो दिन से अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल पर बैठे है, 350 स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर जाने से शहर की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई है।

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दरअसल, नियमितीकरण की मांग को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मी अड़े हुए है। उनका कहना है कि मांगें पूरी नहीं होने तक काम नहीं करेंगे। इसके साथ ही संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि 2018 में जारी नियमितीकरण आदेश का पालन नहीं हुआ है।

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