मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना (Morena) में शुक्रवार को हुए गोलीकांड में 6 लोगों की हत्या के बाद शनिवार को सभी का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अमला मौके पर मौजूद रहा। हालांकि परिजनों ने पहले अंतिम संस्कार से मना कर दिया था, लेकिन सरकार की ओर से ग्रामीणों की मांगों को स्वीकृति मिलने के बाद राजी हुए। इस मामले में महिला समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं पुलिस अधीक्षक ने हत्याकांड के फरार 7 आरोपियों पर 10-10 हजार के इनाम की घोषणा की है। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।

जिले के लेपा गांव में शुक्रवार को हुए हत्याकांड ने सभी को दहला दिया। जहां 10 साल पुराने विवाद के चलते एक ही परिवार के 6 लोगों की हत्या कर दी गई। गोलीकांड के बाद से ही गांव में भारी पुलिस बल तैनात है। दूसरे दिन गांव की हर गली में रिजर्व फोर्स के जवान तैनात हैं। पुलिस एक दिन पहले यानी शुक्रवार की शाम को शवों के पोस्टमॉर्टम के बाद शव गांव लेकर पहुंच चुकी थी, लेकिन परिजन ने शव लेने से मना कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने शवों को एंबुलेंस में रखकर गांव की स्कूल में ही रात गुजारी। इस दौरान पुलिस ने परिजन को मनाने का काफी प्रयास किया। इसके बाद पुलिस के आला अधिकारी वापस मुरैना लौट गए।

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परिजन ने शवों का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। परिजनों की मांग थी कि सरकार मृतकों के बच्चों का भरण पोषण से लेकर पढ़ाई तक का जिम्मा उठाए। हत्या के आरोपियों के मकानों पर बुलडोजर चलाया जाए। शनिवार को वापस मोर्चा संभाला और अफसरों ने फिर से समझाइश दी। इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए लेपा गांव काश आशन नदी पहुंचे, जहां सभी का अंतिम संस्कार किया गया।

ये है पूरा मामला

मुरैना जिले के सिहोनिया थाना अंतर्गत लेपा गांव में शुक्रवार को गोलीकांड हुआ। जहां जमीन विवाद में दोनों परिवारों में झगड़ा हुआ था, जो बाद में खूनी संघर्ष में बदल गया। बताया जा रहा है कि दोनों परिवारों में पुरानी रंजिश चल रही थी। करीब 6 साल पहले भी दोनों परिवारों में झगड़ा हुआ था और इसी तरह गोलियां चली थीं। उस समय भी कुछ लोगों की मौत हो गई थी। ताजा गोलीकांड में भी अभी तक 6 लोगों की जान चली गई है। 5 मई 23, को थाना सिहोनियां पर सुबह करीब 10-10.30 बजे सूचना मिली कि ग्राम लेपा में गोली चली है।

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इसी सूचना पर थाना प्रभारी सिहोनियां फोर्स के साथ ग्राम लेपा पहुंची जहां पता चला कि गजेन्द्र सिंह तोमर, वीरभान सिंह तोमर के परिवारों में वर्ष 2013 में घूरे की जगह की रंजिश पर से झगडा हुआ था उसी रंजिश पर से गजेन्द्र सिंह के परिवार पर आरोपी पक्ष वीरभान सिंह एवं सोवरन सिंह के लडके भूपेन्द्र अजीत व अन्य के द्वारा बंदूककट्टों एवं लाठी डंडो से सुबह करीब 09.30 बजे गजेद्र सिंह के परिवारवालों के गांव में आने पर अचानक हमला कर दिया। जिसमें गजेन्द्र सिंह, उसका लड़का सत्यप्रकाश तोमर, संजू तोमर तीनों की गोली लगने से मौके पर मौत हो गई।

पांच माह की गर्भवती महिला की भी हुई मौत

इसके अलावा घटना में गजेन्द्र सिंह की बहू केशकली, पत्नी वीरेन्द्र सिंह, बबली पत्नी नरेन्द्र सिंह , मधू पत्नी सुनी सिंह तोमर को भी गोली लगने से इन्हें तत्काल पुलिस द्वारा अस्पताल लेकर इलाज के लिए पहुंचाया गया उनकी भी इलाज के दौरान मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि मधू पांच माह की गर्भवती थी।

10 साल से चल रहा था विवाद

वर्ष 2013 में घूरे डालने के विवाद पर से हुए झगड़े में वीरभान सिंह तोमर एवं सोवरन तोमर की हत्या हो गयी थी। जिसमें गजेन्द्र सिंह तोमर के परिवार के चार आरोपियों के रंजित पुत्र मुनेन्द्र सिंह तोमर, वीरेन्द्र पुत्र गजेन्द्र सिंह तोमर, अविनाश उर्फ करु पुत्र शिवराम सिंह तोमर, बडे लला उर्फ हिम्मत पुत्र रामराज सिंह तोमर नि. लेपा के विरुद्द थाना सिहोनिया में अपराध क्र 118/2013 धारा 302,34 ता.हि. के अंतर्गत अपराध थाना सिहोनियां दर्ज होकर प्रकरण में तत्समय आरोपियों की गिरफ्तारी कर सभी आरोपीयों के विरुद्ध चालान माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायालय अम्बाह में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें सभी आरोपी तत्समय करीब 5 साल जेल में रहकर माननीय न्यायालय से जमानत पर थे।

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घटना के बाद से ही गजेन्द्र सिंह के परिवार के लोग पुनः झगड़े की आशंका को लेकर घटना के बाद वर्ष 2013 से ही गांव लेपा में नहीं रहते थे। आरोपियों के जमानत पर आने के बाद भी सभी परिवार वाले मुरैना ग्वालियर और अहदाबाद गुजरात में अपने परिवारों को लेकर रह रहे थे। लेकिन गांव और परिवार के रिश्तेदारों की मध्यस्थता से दोनों पक्षों में आपसी राजीनामा करीब 2 साल पूर्व होने पर मृतक परिवार वापस गांव लौटा था। तभी पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी और इस खूनी खेल में 6 लोगों की जान चली गई।

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