मनोज उपाध्याय,मुरैना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि पूरे देश भर में गरीबों को उनका हक मिले. गीबों को पक्का मकान मिले. स्वच्छ भारत अभियान के तहत ओडीएफ मुक्त गांव रहे, वहां घर-घर शौचालय बने. धुएं से छुटकारा दिलाने उज्जवला गैस कनेक्शन दिया जाए. लेकिन मप्र के मुरैना जिले का एक गांव ऐसा है, जहां आजादी के बाद से सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. गरीबों के हक का प्रशासन खा रही है या सरकार, ये भी नहीं पता. अब माजरा क्या है, ये तो साहब ही बता पाएंगे ?

दरअसल पूरा मामला मुरैना जिले के पोरसा जनपद पंचायत के पाल ग्राम पंचायत के ‘पुठा का पुरा’ का है. इस गांव में अनुसूचित जाति वर्ग के 40 परिवार निवास करते हैं. अधिकांश घर कच्चे और झोपड़ी के बने हैं. इनमें से किसी भी परिवार को अब तक पीएम आवास योजना के तहत पक्का घर नहीं मिला है. ग्राम पंचायत ने स्वच्छता अभियान के तहत गांव के किसी भी घर में शौचालय भी नहीं बनवाया है. जिससे गांव का हर सदस्य शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर है.

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योजनाओं का लाभ लेने कई दफा दिया आवेदन

ऐसा नहीं है कि इस गांव के गरीब परिवारों ने आवास योजना या शौचालय के लिए आवेदन नहीं किया है. गांव के माधौसिंह सखबार का कहना है कि पीएम आवास योजना के लिए कई बार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ग्राम पंचायत ने कई घरों में शौचालय बनाने की बात कही, लेकिन वह भी नहीं बन सका.

उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त में सिलेंडर नहीं मिले

महिलाओं को चूल्हे के धुएं से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त में एलपीजी सिलेंडर नहीं बांटे हैं. गांव की बैजंती बाई जाटव ने बताया कि उज्ज्वला योजना के पहले और दूसरे चरण में यहां किसी भी परिवार को मुफ्त गैस सिलेंडर नहीं मिला. ग्राम रामकिशोरी बताती है कि चूल्हे पर धुएं के बीच खाना बनाना पड़ता है, चूल्हे के लिए लकड़ी लेने के लिए गांव से दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.

सरपंच ने दिया ये बयान

पाल ग्राम पंचायत के सरपंच मोहरश्री जाटव का कहना है कि लाभार्थी को स्वयं शौचालय का निर्माण करना पकड़ा है. उसके बाद उसे 12 हजार रुपये मिलते हैं. ‘पुठा का पुरा’ में किसी ने शौचालय नहीं बनाया तो उन्हें पैसे कैसे मिलेंगे. किसी कारण से इस गांव में दोनों चरणों में पीएम आवास उपलब्ध नहीं था. इस बार यहां के जरूरतमंद परिवारों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा.

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मामले में क्या बोले अधिकारी ?

जिला आपूर्ति एवं नियंत्रक अधिकारी बीएस तोमर का कहना है कि उज्जवला योजना के सिलेंडर के लिए हर गांव से जरूरतमंद चिन्हित हुए, इस गांव के लोग किस कारण रह गए, इसकी जानकारी ली जाएगी. किसी की गलती से हुआ है तो उस पर कार्रवाई होगी. हम प्रयास करेंगे के अगले चरण में इस गांव के हर पात्र परिवार को सिलेंडर मिले.

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