मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना (Morena) जिले के वीआईपी रोड पर अधिकारियों के निर्माणाधीन बंगलों का कार्य जारी है। इसी कड़ी में सीएम हेल्पलाइन नंबर से चंबल नदी की रेत का उपयोग निर्माण कार्य में मिलने की सूचना पर आज वन विभाग ने मौके पर छापा मारा। जिसके बाद से विभाग के अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है।
जिले के वीआईपी रोड पर अधिकारियों के निर्माणाधीन बंगलों में चंबल नदी के रेत का उपयोग किया जा रहा है। इस समय जिले में एनजीटी ने चंबल नदी से रेत के उत्खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। सरकारी कार्यों में भी चंबल नदी के रेत का लगाना पूर्ण प्रतिबंध कर दिया है, जिसके बाद वीआईपी रोड पर बन रहे कलेक्टर, एसपी सहित अधिकारियों के बंगलों में चंबल नदी के रेत का उपयोग किया जा रहा था। इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की गई थी, जिसके बाद से विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा गया।
नदी से रेत का उत्खनन
इन बंगलों का कार्य पुलिस हाउसिंग बोर्ड द्वारा कराया जा रहा है, इसके बाद भी अधिकारियों का प्रतिदिन इस रोड से निकलना हो रहा है, लेकिन नदी की रेत पर प्रतिबंध नहीं लगा पा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि ठेकेदार पर राजनीतिक संरक्षण है और राजनेताओं के कारण वह नदी से रेत का उत्खनन करा कर सरकारी बंगलों में रेत का उपयोग धड़ल्ले से करा रहा है। हालांकि शिकायतकर्ता ने बताया कि ठेकेदार मुकुंद्र यादव इन बंगलों का निर्माण कार्य करा रहे हैं, जबकि नियमानुसार सिंध नदी का रेत लगना था। ठेकेदार अवैध तरीके से नदी के रेत का उपयोग कर रहे हैं।
रेत के लिए गए सैंपल
वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने रेत के सैंपल लिए। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह रेत चंबल नदी का है। इस ठेकेदार के खिलाफ जांच कर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। अब देखना होगा कि वन विभाग बंगलों का निर्माण कराने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होती है या नहीं। अधिकारियों के दावे में कितनी दम है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि सीएम हेल्पलाइन पर लंबे समय से यह शिकायत थी। इसके बाद शिकायत को सीएम ने संज्ञान में लिया, जिससे विभाग में हड़कंप मच गया और ठेकेदार पर कार्रवाई करने के लिए टीम ने छापा मारा।
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