मनोज उपाध्याय, मुरैना। जिले की अम्बाह उपजेल से छूटे कैदी ने चौकाने वाला खुलासा किया है. जेल से बाहर आए लाला उर्फ मोहन तोमर ने जेलर अनिरुद्ध नरवरिया पर गंभीर आरोप लगाया. उसका आरोप है कि जेल में कैदियों से अवैध वसूली की जाती है, जो कैदी पैसे नहीं देते हैं, उन्हें पीटा जाता है. इसके अलावा जो कैदी पैसे देते हैं उन्हें स्पेशल सुविधा दी जाती है. हर सुविधा के अलग-अलग रेट फिक्स हैं. अच्छे खाने से लेकर मोबाइल पर बात करने की सुविधा के लिए अलग-अलग रेट है. मोहन तोमर ने इसकी शिकायत गृहमंत्री से लेकर मानव अधिकार आयोग, डीजीपी, कलेक्टर और एसडीएम से की है.

 

फूट पुरा के मोहन तोमर ने शिकायत में बताया है कि वह अंबाह जेल में एक साल से अधिक समय तक बंद थ.  जेल में पदस्थ जेल अधीक्षक अनिरुद्ध नरवरिया, प्रहरी रामशंकर कोरकु, प्रहरी रामप्रताप सिंह भदोरिया और मुख्य प्रहरी शिरोमणि द्वारा उसे कई बार शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया.  मोहन के अनुसार जब वो जेल में आया था उसके बाद कई बार मुझे मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान किया गया.

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जेल से छूटे कैदी मोहन ने बताया कि पैसे देने से मना करने पर कैदी को परेशान किया जाता था. कई बार इनकी बात मानकर अपनी रक्षा के लिए पैसे दिए थे जब में पैसे देने में असमर्थ रहा तो मुझे प्रताड़ित किया गया,  मारपीट कर जबरदस्ती काम करवाते थे. परेशान होकर मैंने कर्ज लेकर कई बार पैसे दिए.

शिकायत आवेदन में उसने कहा है कि प्रहरी रामशंकर कोरकु, प्रहरी शिरोमणि सिंह एवं प्रहरी रामप्रताप सिंह भदोरिया सभी दस साल से अंबाह जेल पर पदस्थ हैं, जिससे वह मनमानी कर रहे हैं मोहन सिंह के अनुसार जेलर ने चार महीने पहले मुझसे इन्वेंटर की बैटरी की मांग की थी, तब मैंने अपने परिजनों से बोलकर जेलर को इनवर्टर की बैटरी दिलवाई. इसके बाद मुझसे जेल में दस हजार की मांग की गई, जब पैसों की मांग पूरी नहीं की उसके बाद मेरा जिला जेल में ट्रांसफर करवा दिया गया.

मोहन तोमर ने इस बात का भी खुलासा किया है कि जेल में कैदियों को मोबाइल और अन्य सुविधाओं का लाभ मिल रहा है. अभी अम्बाह जेल में 4 से 5 कैदियों के पास मोबाइल है. उसने बताया कि मोटी रकम देकर कैदियों को सुविधाएं दी जा रही है.  हर सुविधा के अलग-अलग रेट हैं. अच्छे खाने के अलग रेट, चाय के अलग रेट, मोबाइल पर बात करने की सुविधा के अलग रेट. जेल में पिटाई से बचने के लिए दस हजार देने होते हैं. इसके अलावा फूली रोटी के 500, चाय और छौंका दाल के के 1000-1000 रुपए देना पड़ते हैं. पैसे नहीं देने पर उबली दाल और कच्ची रोटी मिलती है.

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