मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले (Morena) में हुए विमान हादसे की जांच के लिए दिल्ली (Delhi) की टीम पहाड़गढ़ के जंगलों में पहुंची। टीम द्वारा घटनास्थल पर जांच की गई। वायु सेना के अधिकारी ब्लैक बॉक्स (Flight recorder) लेकर रवाना हो गए हैं। इस दौरान मीडिया को घटना स्थल से करीब 500 मीटर दूर रखा गया।
दरअसल, प्रदेश के ग्वालियर एयरबेस (Gwalior Airbase) से वायु सेना (Air Force) के दो फाइटर प्लेन सुखोई-30 और मिराज-2000 (Sukhoi and Miraj aircraft crash) ने शनिवार सुबह उड़ान भरी थी। बताया गया कि दोनों लड़ाकू विमान अभ्यास कर रहे थे। कुछ देर बाद ये दोनों विमान आपस में टकरा गए, जिससे दोनों में आग लग गई।
हादसे के बाद विमान मुरैना के पहाड़गढ़ में गिरे, वहीं एक विमान का कुछ हिस्सा घटना स्थल से करीब 75 किमी दूर भरतपुर में गिरा। इससे पहले सुखोई में सवार दोनों पायलट इजेक्ट कर बाहर निकल गए, लेकिन मिराज में सवार विंग कमांडर हनुमंथ राव सारथी की मौत हो गई। सुखोई से इजेक्ट हुए दोनों पायलट गंभीर रूप से घायल है। जिनका अस्पताल में इलाज जारी है।
ग्रामीणों ने बताया कि दोनों विमान आसमान में ही आपस में टकरा गए थे। उसी वक्त दोनों विमानों में आग लग चुकी थी और देखते ही देखते जलते हुए आग के गोले जैसा दिखने वाला फाइटर जेट जमीन पर आ गिरा। घटना स्थल के नजदीक रेलवे स्टेशन भी बताया जा रहा है। हालांकि पायलेट्स की सूझबूझ से दुर्घटनाग्रस्त फाइटर रिहायशी इलाके से कुछ दूरी पर गिरा। ग्रामीणों ने बताया कि फाइटर प्लेन जैसे ही जमीन पर गिरा एक बड़े धमाके के साथ जमीन में गड्ढा हो गया। वहीं एयरफोर्स ने घटना को लेकर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (Court of inquiry) के आदेश दिए हैं।
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