मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के जौरा थाने में इन दिनों दलालों की चांदी है और फरियादी बेहाल है। यहां फरियादियों को अपनी बात कहने के लिए दलालों के पास से होकर गुजरना पड़ता है। शासन के फरमान के बाद भी पुलिस और फरियादियों के बीच का रिश्ता नहीं सुधर रहा है। इसके कारण फरियादी पुलिस के पास जाने से कतराते हैं और इसका फायदा थाने में सक्रिय दलाल उठाते हैं। यह फरियादियों का काम कराने के एवज में मोटी रकम वसूलते हैं और उसमें साहब भी खुश और दलाल भी मालामाल हो रहे हैं।
बताया जा रहा है कि थाने में कुछ दलाल अपनी गहरी पैठ बना बैठे हैं। थाना प्रभारी कोई भी रहे, उनके संबंध हमेशा से ही मधुर रहते हैं। क्योंकि दलाल साहब को एक मोटी रकम दिलाते हैं, जिसका प्रतिफल उन्हें भी मिल ही जाता है। आज जौरा थाने में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला। जिसमें नरहेला गांव में हुए झगड़े का मामला प्रकाश में आया है। इसमें पुलिस फरियादी को न्याय न दिलाकर एवज में सौदा कर रही है लेकिन पुलिस से पार पाना भी आसान नही है।
बता दें कि फरियादी पवन जाटव निवासी ग्राम पंचायत नरहेला का गांव में विवाद हो गया जिसकी रिपोर्ट करने वह जौरा थाने में पहुंचा तो वहां उससे थाने में दिनेश पाराशर उर्फ मरिया ने 4 हजार रुपए की मांग की। जिसके बाद फरियादी ने दलाल पाराशर को रुपए दे दिए लेकिन उसके बाद भी उसकी एफआईआर दर्ज नहीं हुई। केवल एनसीआर कर दी गई जिसके बाद फरियादी पवन जाटव ने बताया कि थाने में दलाल दिनेश पाराशर उर्फ मरिया ने दीवान रामविलास मावई के नाम पर पैसे लिए है।
वहीं इस पूरे मामले में जौरा एसडीओपी नितिन एस आर बघेल ने कहा कि वीडियो के द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। पवन जाटव जो फरियादी है उससे दिनेश पाराशर के द्वारा पैसे लेकर एनसीआर की गई है यह जांच का विषय है। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा इस पर कार्रवाई की जाएगी।
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