शिखिल ब्यौहार, भोपाल। राजधानी भोपाल को सांस्कृतिक विरासत का नया प्रतीक मिलने वाला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज सम्राट विक्रमादित्य प्रवेश द्वार का भूमि पूजन करेंगे। यह द्वार भोपाल के प्रवेश मार्गों पर बनने वाले भव्य द्वारों की श्रृंखला का हिस्सा है, जो शहर की ऐतिहासिक पहचान को उजागर करेगा।  इसके अलावा, पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए पीएम ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत एक अत्याधुनिक ई-बस डिपो का भी भूमि पूजन होगा। यह डिपो इलेक्ट्रिक बसों के संचालन और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे शहर में प्रदूषण मुक्त सार्वजनिक परिवहन को बल मिलेगा। 

 यह दोनों महत्वपूर्ण कार्यक्रम सुबह 11 बजे फंदा स्थित महाराणा प्रताप शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहेंगे। सरकार की इस पहल से भोपाल न केवल आधुनिक विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा, बल्कि अपनी गौरवशाली विरासत को भी संजोकर रखेगा। 

17 दिसंबर को होगा विधानसभा का विशेष सत्र 

मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने राज्यपाल की अनुमति से एक दिवसीय विशेष सत्र की अधिसूचना जारी कर दी है। यह सत्र 17 दिसंबर को सुबह 11 बजे से शुरू होगा। यह मध्य प्रदेश की सोलहवीं विधानसभा का आठवां सत्र होगा।  इस विशेष सत्र का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के समग्र विकास पर चर्चा करना है। सत्र में मध्य प्रदेश को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में विचार-विमर्श होगा। विधानसभा की पहली बैठक के 75 वर्ष पूरे होने के इस अवसर पर यह सत्र ऐतिहासिक महत्व रखता है।

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विधानसभा में विशेष सत्र का आयोजन पहले भी कई बार हो चुका है। कोरोना काल में 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शपथ ग्रहण के बाद विशेष सत्र बुलाया गया था। इसके अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी के कार्यकाल में भी ऐसे सत्र आयोजित किए गए थे।  इस एक दिवसीय सत्र में सभी विधायक, मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। यह सत्र प्रदेश की विकास यात्रा को नई गति प्रदान करने वाला साबित होगा।  

पदोन्नति नियम को लेकर हाईकोर्ट में 16 दिसंबर को होगी सुनवाई 

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पदोन्नति नियमों को लेकर चल रहे मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी। राज्य सरकार इस बार कोर्ट में अपना जवाब और पक्ष अंग्रेजी भाषा में प्रस्तुत करेगी।  इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने पदोन्नति नियमों से संबंधित गजट नोटिफिकेशन को अंग्रेजी में भी प्रकाशित कर दिया है। पहले सरकार हिंदी में प्रकाशित गजट नोटिफिकेशन के आधार पर अपना पक्ष रख रही थी।  

सूत्रों के अनुसार, सरकार नहीं चाहती कि बहस के दौरान भाषा या अनुवाद को लेकर कोई तकनीकी त्रुटि हो। इसलिए अब अंग्रेजी संस्करण के साथ सभी प्रमाण और दस्तावेज प्रस्तुत किए जाएंगे, ताकि कोर्ट में मजबूत और स्पष्ट पक्ष रखा जा सके।  यह मामला सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है, जिस पर लंबे समय से विवाद चल रहा है। सुनवाई के नतीजे का इंतजार कर्मचारियों सहित सभी पक्षों को है।  

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