
इंद्रपाल सिंह, नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों की दशा ओर बेहतर शिक्षा छात्र-छात्राओं को मिले, इस को ध्यान में रखते हुए लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। इसके बावजूद स्कूलों की दशा सुधरने का नाम नहीं ले रही है। स्कूल शिक्षा विभाग की लापरवाही का उदाहरण नर्मदापुरम जिले में देखने मिला है। जहां ग्राम मिसरोद के हायर सेकेंड्री स्कूल के बच्चे मौत के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। हालात ये है कि 70 साल पुराने भवन की छत जर्जर हो गई है और भारी बारिश में गिरने को आमादा है।
सिवनी मालवा तहसील के ग्राम मिसरोद के शासकीय हायर सेकेंड्री स्कूल की हालत दयनीय स्थिति में है। लगभग 70 साल पुराने स्कूल के 7 कमरे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद भी क्लास लगाई जा रही है। क्योंकि बच्चों के बैठने के लिए कोई जगह विद्यालय के पास नहीं है। दरकती छत उस समय खतरनाक सिद्ध होती है, जब तेज बारिश ओर बिजली की गड़गड़ाहट होती। तब छात्र-छात्राएं सहम जाते है कि कही छत गिर न जाए।
टपकती छत में पन्नी लगाकर पानी की बूंद रोकने का प्रयास तो किया लेकिन अधिक पानी होने के कारण पन्नी से पानी सीधे छात्र-छात्राओं पर गिरता है। इस मामले में प्राचार्य ने स्कूल प्रशासन से पत्राचार किया। लेकिन नतीजा शून्य निकला। शायद स्कूल शिक्षा विभाग किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है। स्कूल की दुर्दशा के संबंध में छात्र-छात्राओं के साथ ही स्कूल में पढ़े पूर्व बुजुर्ग छात्र ने बताया।
इसे भी पढ़ें: नवोदय विद्यालय का छात्र 6 दिनों से लापता: पुलिस पर लगे गंभीर आरोप, परिजनों ने SP ऑफिस में दिया धरना
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक