दीपक कौरव, नरसिंहपुर। पूरे देश भर में आजादी के बाद से काफी कुछ बदल गया। गांव-गांव में इंटरनेट और AI जैसी सुविधाएं पहुंच गई हैं। लेकिन मध्य प्रदेश का एक गांव ऐसा है जहां आज भी कुछ जगह पर सड़क नहीं पहुंची है। यहां अगर कोई बीमार हो गया तो उससे ज्यादा तकलीफ उन लोगों को होती है जिन्हें खटिया उठाकर उन्हें पक्की सड़क तक लाने की जद्दोजहद करनी पड़ती है। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला है जहां कच्ची सड़क होने की वजह से कुछ लोगों को बीमार महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। 

आजादी के 78 साल बाद भी कच्ची सड़क 

दरअसल नरसिंहपुर जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ छोटा सा गांव दुभा है। यह गांव गोटेगांव विकासखंड की ग्राम पंचायत खूबी का एक हिस्सा है। इस गांव की आबादी 300 से भी कम है और आजादी के 78 साल बाद भी इस गांव की दो किलोमीटर की सड़क कच्ची है। बारिश में इस गांव की यह कच्ची सड़क खेतों और नसों में तब्दील हो जाती है ,जिससे इस गांव में रहने वाले लोगों को शहर जाने में बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। 

गांव की समस्या के चलते बच्चियों ने बीच में  छोड़ी पढ़ाई

ग्रामीणों की मानें तो इसी परेशानी के चलते गांव की कुछ बच्चियों ने अपनी पढ़ाई भी बीच में छोड़ दी है। इतना ही नहीं इस गांव में अगर किसी महिला के डिलीवरी का समय है या फिर कोई बीमार है तो उसे यह 2 किलोमीटर का रास्ता लोगो के कंधों पर तय करना होता है। ऐसा ही एक वाक्या देखने को मिला जहां एक बीमार महिला को खाट पर रखकर ग्रामीणों ने अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की। 

जल्द की जाएगी वैकल्पिक व्यवस्था

इस पूरे मामले में जिला पंचायत के सीईओ का कहना है कि जल्द इस गांव के लिए वैकल्पिक सड़क की व्यवस्था की जाएगी। जिससे गांव के लोगों को सड़क की परेशानी से निजात मिल सके। बहरहाल जिस गांव को आजादी के 78 साल बाद सड़क नसीब नहीं हुई हो और उस गांव को अब सड़क मिल जाती है तो वाकई में उस गांव के लोगों को स्वर्ग जैसा अनुभव होगा। 

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