कमल वर्मा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर क्राइम ब्रांच को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। टीम ने एक ऐसी गैंग के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है जो मालदार युवा बेरोजगारों को ऑनलाइन जॉब टास्क का झांसा देकर ठगी की वारदात करते थे। आरोपियों में ग्वालियर की फेडरल बैंक का डिप्टी मैनेजर भी शामिल है। जो गैंग के लिए फर्जी तरीके से खाते खुलवाने में मदद करता था। पुलिस ने आरोपियों से 8 एटीएम कार्ड, 2 बैंक पासबुक, 2 चेकबुक, 3 सिम कार्ड, 9 मोबाइल फोन और स्विफ्ट कार बरामद की है। फिलहाल इनसे पूछताछ की जा रही है।
टेलीग्राम पर जॉब टास्क का झांसा देकर ठगे 9.55 लाख रुपए
दरअसल, ग्वालियर के सिटी सेंटर इलाके में रहने वाले बलविंदर सिंह के टेलीग्राम पर जॉब टास्क का झांसा देकर ठगों ने 9.55 लाख रुपए ऐंठ लिए थे। जब क्राइम ब्रांच ने इस मामले की जांच शुरू की तो खुलासा हुआ कि ठगी की ज्यादातर रकम ग्वालियर के बैंक खातों में ट्रांसफर हुई है। इन खातों से ठगी की रकम की निकासी भी ग्वालियर में ही हुई। क्राइम ब्रांच ने जांच की तो ये बैंक खाता ग्वालियर के मेवाती मोहल्ला निवासी सोहेल खान का निकला।
बैंक का डिप्टी मैनेजर गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच में सोहेल को गिरफ्तार कर उससे कड़ाई से पूछताछ की तो ठगी के इस जाल का खुलासा हो गया। इसके आधार पर प्रयल अष्ठाना, इमरान खान, आकाश कोहली, वीर सिंह कौरव और फेडरल बैंक के डिप्टी मैनेजर ऋतिक सनोटिया को दबोच लिया। इमरान और आकाश गरीब खाता धारक तलाशते थे। पूछताछ में पता लगा कि इमरान और आकाश ऐसे लोगों को ढूंढते थे जिन्हें पैसों की जरूरत होती थी। उन्हें पैसे देकर खाता खुलवाने के लिये प्रयल अष्ठाना के पास भेजते थे।
खाता खुलवाने और पैसे निकालने के लिए जाता था बैंक
प्रयल अष्ठाना अपने साथी वीरू कौरव के साथ मिलकर खाता खुलवाने और पैसे निकालने के लिए बैंक जाता था। आरोपी अपने साथी सिटी सेंटर स्थित फैड़रल बैंक के डिप्टी मैनेजर ऋतिक सनोटिया से भेजे गये लोगों के खाते ज्यादा वैरीफिकेशन न करके जल्द से जल्द खोलने की बात कहता था। साथ ही उसके एवज में हर खाते पर 10,000 रुपए फेडरल बैंक के डिप्टी मैनेजर को देता था।
पुलिस ने की सावधान रहने की अपील
ग्वालियर ASP निरंजन शर्मा ने लोगों से सावधान रहने की अपील की है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब/टॉस्क का झांसा देकर टेलीग्राम ग्रुप पर जोड़कर टास्क देकर शुरूआत में पैसे का प्रलोभन देकर ऑनलाइन घोखाधडी की जा रही है। इस प्रकार की धोखाधडी में फ्रॉडस्टर द्वारा विश्वसनीयता बनाये रखने के लिये शुरूआत में इनवेस्ट करने वाले व्यक्ति को छोटे अमाउंट पर प्रॉफिट दिया जाता है। जैसे ही इनवेस्ट करने वाला व्यक्ति बड़ी राशि इनवेस्ट करता है तो वह सायबर ठगी का शिकार हो जाता है। फ्रॉडस्टर ठगी की राशि वापस नहीं करते हैं। फिलहाल सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। वहीं पूछताछ के बाद ही और भी ठगी के मामले सामने आ सकते हैं।
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