आकाश श्रीवास्तव, नीमच। मध्य प्रदेश के नीमच जिले में पिछले दिनों एक शख्स शिकायतों की माला डालकर रेंगते हुए कलेक्टर कार्यालय था. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और अधिकारी भारी बारिश में गांव पहुंचे.

दरसअल, मंगलवार को कलेक्टर जनसुनवाई में ग्राम काकरिया तलाई निवासी मुकेश प्रजापत गांव में हुए विकास कार्यों में करोड़ों के भ्रष्टाचार के कागजों की गले में माला डालकर लेटते कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. कलेक्टर हिमांशु चंद्रा मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच दल गठित किया और जिला पंचायत एडिशनल सीईओ, जावद एसडीएम और RES को तीन दिन में ग्राम कांकरिया तलाई में पहुंचकर जांच करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद अधिकारियों ने भी बारिश में दौड़ लगा दी और गांव की खाक छानने में जुट गए.

Video: सैकड़ों आवेदनों की बनाई पूंछ, अजगर की तरह रेंगते हुए जनसुनवाई में पहुंचा शख्स, अधिकारी के उड़े होश, फिर…

शिकायतकर्ता के बताए गए स्थान पर पहुंचकर सड़क की नपती की गई. शिकायतकर्ता मुकेश प्रजापत का आरोप है कि ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच और सरपंच पति सहित जिला पंचायत सीईओ गुरुप्रसाद ने मिलकर करीब सवा करोड़ का भ्रष्टाचार विकास कार्यों में किया है. अधिकारियों का कहना है दोनों ही पक्षों के कथन लिए गए हैं. मौके पर पहुंचकर गांव में हुए निर्माण कार्यों की नपती कर जांच की जा रही है,जो कलेक्टर के समक्ष पेश किया जाएगा.

इधर, पूर्व सरपंच पति तमाम आरोपों को सिरे से नकार दिया और कहा ये सब बेबुनियाद, निराधार आरोप हैं. कई बार जिला प्रशासन और लोकायुक्त ने जांच की है. वहीं गांव के कुछ लोग शिकायतकर्ता मुकेश के साहस की तारीफ कर रहे हैं. गौरतलब है कि मुकेश प्रजापत पिछले 9 सालों से गांव में हुए विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के मामलों में उठा आ रहा हैं. उन्होंने नीमच से लेकर भोपाल तक शिकायत की है. बता दें कि मुकेश प्रजापत 9 साल पहले गांव में एक होटल चलते थे. किसी बात को लेकर कुछ लोगों से आपस में विवाद हो गया था. इसके बाद गांव के पंचों ने मुकेश का बहिष्कार करते हुए उनका हुका पानी बंद कर दिया था. तब से ही मुकेश गांव के मुद्दे उठते आ रहे हैं.

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