प्रदीप सिंह ठाकुर,देवास। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण काल में दवाइयों, आक्सीजन सिलेंडर सहित चिकित्सा उपकरणों की कालाबाजारी थम नहीं रही है. पूरे प्रदेश के किसी न किसी जिले से रोज कालाबाजारी की खबरें आती रहती है. एक ओर जहां कोरोना संक्रमित लोगों को दवाइयों और ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत का सामना करना पड़ा रहा है, वही दूसरी ओर लोग ब्लैक मार्केटिंग से भी बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामला इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर कालाबाजारी का नहीं बल्कि ऑक्सीजन फ्लो मीटर का है. पुलिस ने एक युवक को ऑक्सीजन फ्लोमीटर की कालाबाजारी करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
आरोपी के पास से पुलिस ने दो दर्जन से अधिक फ्लो मीटर, ऑक्सीजन नली व 80 हजार रुपए नकदी बरामद
जानकारी के अनुसार देवास पुलिस ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के बाद अब एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया हैं, जो ऑक्सीजन फ्लो मीटर की कालाबाजारी कर रहा था. आरोपी इरशाद पिता हाबिद अली के पास से पुलिस ने दो दर्जन से अधिक फ्लो मीटर, ऑक्सीजन नली व 80 हजार रुपए नकदी बरामद किया है. इससे कुछ दिन पूर्व ही देवास पुलिस ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. अब ऑक्सीजन फ्लो मीटर की कालाबाजारी का मामला सामने आना एक हैरत भरी खबर हैं.
आरोपी घर पर ही इन सामग्रियों का एक कारखाना चला रहा था
कोतवाली टीआई उमराव सिंह ने बताया कि मुखबीर से सूचना मिली थी कि बाजार में 6-7 सौ में मिलने वाला ऑक्सीजन फ्लो मीटर एक युवक ब्लैक में 5 से 6 हजार रुपए में बेच रहा हैं. सूचना पर हमने एक युवक को 4 हजार रुपए देकर आरोपी के पास मीटर खरीदने के लिए भेजा. इस दौरान आरोपी इरशाद अली को रंगे हाथों गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की गई. जानकारी मिली कि आरोपी घर पर ही इन सामग्रियों का एक कारखाना चला रहा था और वह इन्हें देवास समेत आसपास के अन्य जिलों इंदौर, उज्जैन व शाजापुर में भी ब्लैक करता था. फिलहाल पुलिस आरोपी इरशाद से और भी पूछताछ कर रही हैं. पुलिस को शक हैं कि आरोपी के साथ इसमें एक पूरा गिरोह शामिल हैं.