उज्जैन। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण से लगातार मौतें हो रही हैं. पूरे प्रदेश में रोजाना अस्पतालों पर लापरवाही के आरोपी भी लग रहे हैं. लापरवाही का ये आलम थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसी लापरवाही प्रदेश के उज्जैन जिले में भी देखने को मिली. यहां शहर के माधव नगर अस्पताल पर एक बार फिर आरोप लगा है. एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मृतक निगेटिव बता दिया गया. जबकि परिजनों कहना है कि मरीज जब जिंदा था तब कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव थी, और मरने के बाद अस्पताल प्रबंधन मृतक की निगेटिव रिपोर्ट बता रहा है.

इस मामले के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. हंगामा इतना बढ़ गया कि मृतक की तीन बेटियां धरने पर बैठ गईं. वहीं धरने पर बैठी बेटियों का कहना है कि इतना ही नहीं अस्पताल संक्रमित मृतक का शव परिजनों को अपने साथ ले जाने के लिए कहा. जबकि कोविड प्रोटोकाल के मुताबिक जांच में उनकी मां की रिपोर्ट पॉजिटिव थी.

मृतक की बेटियों ने कहा कि लगभग 1 लाख रूपए में रेमडेसिवीर के 6 इंजेक्शन खरीदा था. पहले दो डोज 25 हजार रूपए के और बाकी के 13 हजार और 17 हजार के खरीदे थे. उसके बाद भी उनकी मां को नहीं बचाया जा सका. उन्होंने ने कहा कि इंजेक्शन खरीदने और लगाने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि मरीज कोरोना संक्रमित नहीं है.

ये है पूरा मामला 
पूरा मामला उज्जैन जिले के माधव नगर अस्पताल का है. यहां बीते दिनों सेल टैक्स में क्लर्क के पद पर काम करने वाली 41 वर्षीय एक महिला ने कोरोना जांच कराई. जांच में संक्रमित और लंग्स में इंफेक्शन होने के बाद अस्पताल में भर्ती हो गईं. भर्ती होने के बाद महिला को 6 रेमडेसिवीर के इंजेक्शन भी लगे. जिसके कुछ दिन बाद महिला की मौत हो गई. मृतक की तीन बेटियां हैं, संजना, अंजलि और प्रिया. बेटियों ने बताया कि पिता की पहले ही मौत हो गई थी और मां को अब कोरोना हो गया.

परिजनों ने बताया कि मंगलवार की सुबह अस्पताल प्रबंधन ने सूचना दी कि आप मरीज की डेथ बॉड़ी ले जाओ, उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव थी. जिसके बाद तीनो बेटियों ने अस्पताल के मेन गेट पर धरने पर बैठ गईं. हालांकि मामले की सूचना मिलने पर एसडीएम अभिषेक वर्मा ने बेटी को शांत करवाया.