न्यायद्दीन अली, अनूपपुर। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर हो गई है. सरकार बेहतर इलाज का दावा तो करती है, लेकिन यह खोखला साबित हो रहा है. जिसका ताजा उदाहरण अनूपपुर जिले में देखने को मिला है. जहां एंबुलेंस (108) नहीं मिलने से 12 वर्षीय बच्ची ने दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, यह घटना बिजुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की है. बताया जा रहा है कि 12 वर्षीय सुष्मिता कुड़ाकू को छाती में दर्द और सांस लेने में परेशानी हो रही थी. जिसके बाद उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया. जहां उसकी हालत को देखते हुए उसे जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया गया. इसके बाद परिजन 108 पर कॉल किया.
इधर, सुष्मिता जिंदगी-मौत की लड़ाई लड़ रही और एंबुलेंस का इंतजार करती है. लेकिन घंटों इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची और सुष्मिता जिंदगी की लड़ाई हार गई. वहीं बच्ची की मौत के लिए परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठराया है. इस घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
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बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी जिला चिकित्सालय से शहडोल मेडिकल कॉलेज के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने से एक शख्स ने दम ताेड़ दिया था. अब सवाल यह उठता है कि इस बदहाल व्यवस्था का जिम्मेदार आखिर कौन है? इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल सहित तमात उच्च अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए. ताकि फिर से ऐसी कोई घटना न हाे.
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