बालाघाट। मध्यप्रदेश के सभी जिलों में कोरोना का संक्रमण दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. वहीं प्रदेश के बालाघाट जिले में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज की उचित व्यवस्था न होने से कोरोना की चपेट में आए लोग काल के गाल में समाते जा रहे हैं. इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी थमने का नाम नहीं ले रही है. ऐसी एक लापरवाही जिले के लालबर्रा से सामने आई है. यहां मरीज के मौत हो जाने के बाद उसे ले जाने के लिए प्रशासन ने वाहन नहीं उपलब्ध कराया. आलम ये कि परिजनों को शव को बैलगाड़ी में ले जाना पड़ा.

इसे भी पढ़ें- BREAKING: इस बड़े अस्पताल में नहीं था ऑक्सीजन, जिला न्यायाधीश का हुआ कोरोना से निधन

पूरा मामला जिले के लालबर्रा तहसील के ग्राम बोरी मोहगांव का है. यहां के निवासी रमेश चंदेश्वर पिछले एक सप्ताह से खांसी की समस्या से पीड़ित थे. जिनका घर घर पर ही उपचार चल रहा था. खांसी ज्यादा आने के कारण परिजनों ने उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. जहां चिकित्सकों ने कोरोना टेस्ट कराने के लिए कहा. इस दौरान लगभग एक घंटे तक वह मरीज, अस्पताल की सीढ़ियों में बैठकर इधर- उधर इलाज के लिए तड़पता रहा.

इसे भी पढ़ें- एमपी को मिलेगा जीवन: 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन से बचेगी जिंदगियां, केंद्र ने किया सहयोग

हालांकि मरीज का जिसका कोरोना टेस्ट होने के बाद उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई. इस दौरान परिजनों ने अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाकर ही रहे थे कि बेड पर लेटने की बाद मरीज की मौत हो गई. इसके बाद मृतक के परिजनों को शव ले जाने के लिए प्रशासन ने वाहन उपलब्ध नहीं करवाया. जिसके चलते परिजनों को शव बैलगाड़ी में ही ले जाना पड़ा. वहीं इस मामले में बीएमओ ने शव ले जाने के लिए स्वास्थ्य केंद्र में वाहन न होने की कमी को स्वीकार करते हुए अपनी लाचारी जाहिर की.

read more- Aggressiveness towards Hacking: Indian Organizations under Chinese Cyber Attack

स्पोर्ट्स की ये खबरें जरूर पढ़ें

मनोरंजन की ये खबरें जरूर पढ़ें