भारत का कानून सबूत मांगता है. बिना सबूत आप किसी के खिलाफ कहीं पर भी शिकायत नहीं कर सकते. चाहे वह थाना हो या अदालत. सबूत के आधार पर अपराध दर्ज होते और फैसले भी दिए जाते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें घटना के 17 साल बाद सबूत मिलने पर आरोपी के खिलाफ पुलिस ने अपराध कायम किया है.

इंदौर. यह मामला एक युवती से दुष्कर्म का है. युवती के साथ 17 साल पहले दुष्कर्म हुआ था। दुष्कर्म के बाद आरोपी युवक को नहीं पहचानने के कारण पुलिस में मामला दर्ज नहीं हुआ. या यह भी कह सकते हैं कि उसे आरोपी के खिलाफ अपराध कायम करवाने में 17 साल तक इंतजार करना पड़ा.

साल 2004 में दुष्कर्म की वारदात

जानकारी के अनुसार नीमच की रहने वाली लड़की को साल 2004 में लैंडलाइन पर एक कॉल आया था. सामने वाले ने उसे नौकरी दिलाने की बात कही थी. आरोपी के बताए पते पर जब युवती पहुंची तो वहां आरोपी ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. इस घटना के बाद युवती ने इंदौर और नीमच थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराने शिकायत की. युवती की शिकायत पर अपराध कायम इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि वह आरोपी युवक को नहीं पहचानती थी.

सोशल मीडिया से युवती को मिली मदद

साल 2019-20 में युवती ने सोशल मीडिया पर अपना अकाउंट बनाया तो, आरोपी का प्रोफाइल उसे दिखा. प्रोफाइल देखकर ही पीडि़त युवती ने उसे पहचान लिया और इंदौर महिला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई.
महिला थाना प्रभारी ज्योति शर्मा ने बताया कि पीडि़ता की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है. आरोपी की भी शिनाख्त हो चुकी है. पुलिस जल्द ही उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है।