कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने अनुकंपा नियुक्ति मामले में अहम फैसला दिया है। शासन ने मां के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होने के चलते अनुकंपा आवेदन को खारिज कर दिया था। मामले में हाईकोर्ट ने शासन को अनुकंपा नियुक्ति आवेदन पर विचार करने के निर्देश दिए है।

दरअसल मामला दतिया निवासी अविनाश वर्मा का है। उनके पिता पंचायत सचिव थे जिनकी मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था जिसे साल 2020 में खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका में बताया गया कि विभाग ने अनुकंपा नियुक्ति देने से मना कर दिया। विभाग द्वारा बताया गया है कि अविनाश की मां 5 साल से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है, ऐसे में शासकीय नौकरी नहीं दी जा सकती। अविनाश के अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने कोर्ट को बताया गया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को वेतन नहीं मानदेय मिलता है, इसलिए मध्य प्रदेश सिविल सर्विस नियम 1966 लागू नहीं होता है। ऐसे में कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चाहे तो चुनाव लड़ सकती है लेकिन शासकीय सेवक चुनाव नहीं लड़ सकता है लिहाजा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को शासकीय सेवक नहीं माना जा सकता। ऐसी स्थिति में शासन आवेदक की आर्थिक स्थिति को देखते हुए आवेदन पर विचार करें।

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