अनमोल मिश्रा, सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले के रामपुर बाघेलान तहसील में उस समय हड़कंप मच गया जब एक पीड़ित व्यक्ति ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय में एसडीएम की मौजूदगी में पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। एसडीएम न्यायालय में सुनवाई के दौरान पीड़ित के अचानक इस कदम से सब सन्न रह गये। न्यायालय परिसर में तरफ अफरा तफरी मच गई। किसी तरह बड़ा हादसा टल गया।
दरअसल पार्वती बनाम श्याम सुंदर वगैरह के नाम से एक प्रकरण एसडीएम न्यायालय में विचाराधीन है। बताया जाता है कि मामले की फाइल गुम गई है और लगभग एक साल से प्रकरण यथावत की स्थिति में है। इसी से व्यथित होकर रजनीश चतुर्वेदी निवासी त्यौधरा ने आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा लिया। उसने एसडीएम के सामने खुद के ऊपर पेट्रोल उड़ेल लिया। गनीमत रही कि न्यायालय में मौजूद कर्मचारियों और वकीलों ने तत्परता दिखाते हुए माचिस की तिली छुड़ाकर उसकी जान बचा ली। जिसके चलते बड़ा हादसा टल गया। एसडीएम आर एन खरे ने मामले को गंभीरता लेते हुए पुलिस को बुलाया और आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए। मामले में सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि फाइल गुम हो गई है तो इसकी रिपोर्ट क्यों नहीं लिखवाई गई है। फाइल को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी किसकी है, संबंधित न्यायालय के कर्मचारी/अधिकारी या खुद एसडीएम की?

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