समीर शेख, बड़वानी। जिले में आदिवासी सरपंचों और सचिवों से 10 लाख रुपये की अवैध वसूली का ऑडियो वायरल होने के बाद गुरुवार को जयस संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया। संगठन के कार्यकर्ता पाटी नाके से बड़ी रैली लेकर निकले और शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए कारंजा चौराहे से जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

जिला पंचायत सीईओ पर लाखों मांगने के आरोप

जयस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजू पटेल ने बताया कि बड़वानी जिले में 416 ग्राम पंचायतें हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला पंचायत सीईओ काजल जावला द्वारा जांच दल रातों-रात गठित किए जाते हैं। जहां 10 लाख रुपये मिल जाते हैं, वहां जांच में क्लीन चिट दे दी जाती है। जहां रुपये नहीं मिलते, वहां के सरपंच-सचिव पर एफआईआर दर्ज कर दी जाती है। पटेल ने कई ग्राम पंचायतों के नाम भी बताए, जहां 10 लाख रुपये न देने पर एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें ग्राम पंचायत लिंबी, बेरवाड़ा, कंदरा, आंवली, ओसाडा और अन्य ग्राम पंचायतें शामिल हैं।

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महिला सरपंचों को मानसिक रूप से किया जा रहा प्रताड़ित

उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी महिला सरपंचों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। जयस संगठन ने कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग की विशेष जांच दल से जांच कराने की मांग की है। साथ ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत काजल जावला बड़वानी और तत्कालीन सीईओ जनपद पंचायत पाटी निलेश नाग के निलंबन की मांग की है। बता दें कि कथित ऑडियो में प्रत्येक पंचायत से 10 लाख रुपये की मांग की गई है। मांग नहीं मानने पर जेल भेजने की धमकी भी दी गई है।

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