सुशील खरे, रतलाम। वैसे तो गुलाब को फूलों का राजा कहा जाता है, पर इस सावन के महीने में इस राजा को न इसका सम्मान मिल रहा है और ना ही सही कीमत। कुछ दिन पहले गुलाब के भाव 100-200 रुपए किलो थे, तो वहीं आज इसकी कीमत ₹1 किलो है और इस कारण से किसानों को अपनी गुलाब की फसल फेंकने को मजबूर हैं। हालत यह है कि जिले के किसान इसे तोड़कर अपने खेत में ही फेंक रहे हैं।
किसान फूल तोड़कर अपने खेत में फेंक रहे
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में गुलाब की खेती करने वाले लगभग 150 से ज्यादा किसान है। लेकिन उनकी स्थिति आज दयनीय है 20 से 50 ग्राम की जो गुलाब के फूल की माला 20 30 ₹40 की मिलती है। वही गुलाब के फूल व्यापारी एक रुपए में खरीद रहे हैं। मजबूरन किसान फूल तोड़कर अपने खेत में फेंक रहे हैं।
आवक ज्यादा होने से गुलाब के भाव गिरे
गुलाब किसान राजा राठौड़ बताते हैं स्थिति बहुत खराब है। हमने जम्मू कश्मीर के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों के गुलाब यहां लगाए हैं और अपने तोड़कर खेत में ही फेंकना पड़ रहा है। सरकार और जिला प्रशासन से कोई उम्मीद भी नहीं कर सकते हैं। तो वहीं व्यापारी शिवजी का कहना है की आवक ज्यादा होने से गुलाब के भाव गिर गए हैं।
आखिर क्यों बने ऐसे हालात?
इस समय सावन का महीना चल रहा है और रतलाम के पास उज्जैन महाकाल ज्योतिर्लिंग है और फूलों की खपत सबसे ज्यादा है। फिर ऐसा क्या कारण रहा कि गुलाब के कुछ दिन पहले 100 से 200 रुपए भाव थे, वो आज ₹1 किलो बिक रहे हैं। हैरानी वाली बात तो यह है कि मालाओं और गुलदस्ते की कीमत में की कमी नहीं आई है फिर भी किसान अपनी फसल फेंकने पर मजबूर है।
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