अजयारविंद नामदेव, शहडोल। आदिवासी अंचल में स्वास्थ्य सुविधाओं की लापरवाही का एक और दर्दनाक उदाहरण सामने आया है। बुढ़ार जनपद की ग्राम पंचायत घोघरी निवासी बबरू बैगा की मौत एम्बुलेंस व समय पर इलाज नहीं मिलने से हो गई।बीती रात बबरू बैगा को घर पर सोते समय जहरीले सांप ने काट लिया, परिजन तुरंत घबराकर 108 एम्बुलेंस सेवा को लगातार कई घंटों तक कॉल करते रहे, लेकिन मदद नहीं मिली। मजबूर होकर उन्होंने 100 डायल पर फोन किया, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित को जैतपुर स्वास्थ्य केंद्र ले गई।
निजी वाहन से जिला अस्पताल पहुंचे
परिजनों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने के बाद डॉक्टर मौजूद तो थे, लेकिन वहां भी एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिली। हालत बिगड़ती देख परिजनों ने बार-बार आग्रह किया, मगर सरकारी व्यवस्था मौन रही। अंततः मजबूरी में गरीब परिवार को 2500 देकर निजी वाहन किराए पर करना पड़ा और वे शहडोल जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, रास्ते में ही बबरू ने दम तोड़ दिया।
तो बबरू बैगा की जान बच जाती
ग्रामीणों और परिजनों का आरोप है कि यदि समय पर एम्बुलेंस और उचित उपचार मिल जाता तो बबरू बैगा की जान बच सकती थी, शासन-प्रशासन जहां गरीबों व विशेषकर बैगा जनजाति के उत्थान के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने के दावे करता है, वहीं जमीनी स्तर पर यह सुविधाएं सिर्फ कागजों तक सीमित नजर आती हैं।

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