नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिला अस्पताल में साल 2023 में सप्लाई हुई दो अलग-अलग दवाईयों की रिपोर्ट अमानक आने से हड़कंप मच गया है। जिसके साथ ही दवाई की खरीदी व सप्लाई भी सवालों में आ गई है। अब इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित दवा कम्पनी को नोटिस भेजने व शासन को विस्तृत रिपोर्ट भेजा जाना तय किया है।
धार से सिरप की हुई थी सप्लाई
इस संबंध में जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल बालाघाट में जिला धार से सिरप पेरासिटामोल सस्पेंशन की 4 हजार बॉटल सप्लाई शासन स्तर से हुई थी। बच्चों को दिये जाने वाले इस सिरप को लेकर ड्रग इंस्पेक्टर ने सेंपल लेकर जांच के लिये भेजा था। जिसकी रिपोर्ट जून महीने मेंं अमानक आयी है। जिसमें इस सिरप को पानी में घुलनशील नहीं पाया गया है। इस सिरप का उपयोग हो चुका यानी बीमार बच्चों को देकर खर्च कर दिया गया है।
एक लाख विटामिन कैप्सूल रिपोर्ट में अमानक
इसी तरह से एक लाख विटामिन कैप्सूल की 14 मई 2025 को, शासकीय औषधी प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट में अमानक बताया गया हैं। यह कैप्सूल भी यहां पर मरीजों को वितरित कर खर्च की जा चुकी है। ऐसे में यह सवाल उठ रहे कि आखिर अमानक दवाई की खरीदी व सप्लाई कैसे हो गई? क्या यह मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है?
दवाई सप्लाई होने पर दिया गया था प्रमाण पत्र
यहां के स्वास्थ्य प्रबंधन का कहना है कि दोनों दवाइयों की खरीदी राज्य शासन स्तर से हुई थी और सप्लाई भी की गई थी। जब दवाई सप्लाई हुई तब उसके मानक स्टैंडर्ड का प्रमाण पत्र दिया गया था। इन दोनों दवाईयों का यहां पर उपयोग कर लिया गया है। लेकिन उसका कहीं पर भी किसी को रिएक्शन या साइड इफेक्ट नहीं हुआ और ना किसी ने कोई शिकायत की है। संबंधित कंपनी को इस रिपोर्ट को लेकर नोटिस भेजा जायेगा और शासन को भी पत्र लिखा जा रहा है।
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