अमित कोड़ले, बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिला अस्पताल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां अंधेरबावड़ी गांव से प्रसव के लिए आई एक आदिवासी महिला से अस्पताल की महिला डॉक्टर ने सीजर ऑपरेशन के नाम पर 5 हज़ार रुपये रिश्वत की मांग की। परिजनों ने मजबूरी में ये रकम डॉक्टर को दे भी दी। लेकिन जब मामले की शिकायत सीएमएचओ से की गई और कार्रवाई नहीं हुई, तो आदिवासी युवक आक्रोशित हो उठे। घटना के बाद आदिवासी युवकों ने जिला अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका साफ आरोप था कि अस्पताल में गरीबों का शोषण किया जा रहा है और डॉक्टर सीजर ऑपरेशन जैसे संवेदनशील मामलों में भी रिश्वत लेने से नहीं चूक रहे हैं। 

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प्रदर्शनकारी युवकों ने बताया कि ये पहली बार नहीं है, जिला अस्पताल में डॉक्टर पर पहले भी कई बार रिश्वत लेने के आरोप लग चुके हैं और वीडियो भी वायरल हुए हैं, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की गई। हंगामे की खबर मिलते ही अपर कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। स्थिति को शांत करने के लिए आरोपी डॉक्टर वंदना धाकड़ को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया और पूरे मामले की जांच का आश्वासन दिया गया। इसी दौरान रिश्वत की राशि किसी स्टॉफ द्वारा गर्भवती महिला के परिजन को वापस लौटाई गई।

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फिलहाल आरोपी डॉक्टर को हटाकर मामला शांत तो कर लिया गया है। लेकिन ये घटना सरकारी अस्पतालों में जारी भ्रष्टाचार और गरीबों के साथ हो रहे अन्याय का कड़ा उदाहरण है। देखना होगा कि जांच के बाद क्या इस डॉक्टर पर कोई सख्त कार्रवाई होती है या मामला एक बार फिर दबा दिया जाता है।

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