अमित पवार, बैतूल. जिला प्रशासन के नुमाइंदे गहरी नींद में हैं. शिकायत के बाद भी जिम्मेदार कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. अगर पंगु सिस्टम नींद में न होता तो बेटा दिवंगत मां की तस्वीर लेकर अपना हक मांगने कलेक्ट्रेट न जाता. आखिर प्रशासन के नुमाइंदे किस बात की तनख्वाह ले रहे हैं?

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बोरदेही थाना क्षेत्र के ग्राम बारछी में रहने वाला पंकज खातरकर अपना हक मांगने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है. उसका आरोप है कि माता-पिता की मौत के बाद मामा सहित अन्य रिश्तेदारों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर उसे बेघर कर दिया. तहसील कार्यालय में शिकायत के बावजूद जिम्मेदारों ने कोई कार्रवाई नहीं की.

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पीड़ित की मानें तो ग्राम मदनी पंचायत बारछी में उसकी कृषि भूमि है. जिसका कुल रकबा 1.8500 हेक्टेयर है. रिकार्ड में सभी का नाम भी दर्ज है. लेकिन पिछले कई सालों ने उस पर कब्जा कर खेती की जा रही है. उसे फसल की कोई राशि भी नहीं दी जाती है. बंटवारे की बात कहने पर मना कर दिया जाता है कि बंटवारा नहीं होगा. ऐसे में वह किराए के मकान में रहता और मजदूरी कर जीवन यापन कर रहा है.

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पीड़ित ने डिप्टी कलेक्टर दीप्ति पटेरिया से मांग की है कि तहसीलदार से मामले की जांच करवाकर मुझे मेरे हक की कृषि भूमि दिलाई जाए. इधर, डिप्टी कलेक्टर का कहना है कि तहसीलदार को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. सवाल खड़ा होता है कि आखिर पीड़ित के शिकायत पर जिम्मेदार क्यों एक्शन नहीं ले रहे थे? जब कोई उच्च स्तर का अधिकारी मामले में जांच के निर्देश देगा तब कार्रवाई की जाएगी?

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