धर्मेद्र ओझा, भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड जिले के गोहद क्षेत्र के शेरपुर पंचायत में सरपंच के साथ ठगी का मामला सामने आया है। जिसमे सरपंच ने एक शिक्षक और दो पत्रकारों पर अधिकारियों के नाम पर 4 लाख 80 हजार 863 रुपए लेने के गंभीर आरोप लगाए है। दरअसल सरपंच कप्तान सिंह के खिलाफ जिला पंचायत सीईओ ने समय पर कार्य पूरा नहीं होने पर एक नोटिस जारी किया था। साथ ही जो पैसे निर्माण कार्य के लिए आए उसे वापस करने कहा था। इसे लेकर सरपंच ने गांव में ही अपने समाज के एक शिक्षक राजेश सिंह कुशवाहा से संपर्क कर पूरा मामले से उसे अवगत कराया।
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जिसके बाद सरपंच को शिक्षक ने झांसे में लिया और अधिकारियों के बीच पैठ होना बताई और ग्राम पंचायत के खिलाफ चल रही जांच रुकवाने के नाम पर ढाई लाख हड़प लिए। जब जांच बंद नहीं हुई तब सरपंच ने शिक्षक राजेश सिंह कुशवाहा से फिर संपर्क किया। जिसके बाद शिक्षक ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। फरियादी सरपंच ने पुलिस थाने शिकायत करते हुए एफआईआर दर्ज कराई। जिस पर जिस पर कार्रवाई करते हुए शिक्षक को गिरफ्तार भी किया गया। हालांकि वो जमानत पर रिहा हो गया है।
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जानकारी के मुताबिक, गोहद क्षेत्र के शेरपुर सरपंच कमान सिंह ने पुलिस को बताया कि उनकी पंचायत में चल रहे निर्माण कार्यों की जांच भिंड जिला पंचायत के सीईओ कार्यालय द्वारा कराई जा रही थी। इसी सिलसिले में वह और पंचायत सचिव शैलेंद्र सिंह तोमर 5 अगस्त 2024 को जिला पंचायत कार्यालय आए थे। यहां उनकी मुलाकात शिक्षक राजेश सिंह कुशवाह से हुई। शिक्षक ने बातचीत के दौरान सरपंच को विश्वास में लेते हुए कहा कि उसके विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों अच्छे संबंध हैं और वो जांच को बंद करा सकता है।
ढाई लाख रुपए दे दिए
शिक्षक के दावों में आकर सरपंच ने किस्तों में उसे ढाई लाख रुपए दे दिए। हालांकि, रकम देने के पांच महीने बीत जाने के बाद जांच नही रुकी। 25 अक्टूबर 2024 को सरपंच के पास जिला पंचायत कार्यालय से उनके निर्माण कार्यों की रिकवरी का नोटिस पहुंचा। इस नोटिस के मिलने पर सरपंच को धोखाधड़ी का अंदेशा हुआ। शिक्षक ने सरपंच से लगभग चार लाख 80 हजार 863 रुपए धीरे-धीरे ले लिए। सरपंच के पास केवल ढाई लाख रुपए का लेखा-जोखा था।
जिला पंचायत सीईओ के पास पहुंचे सरपंच
जिला पंचायत से नोटिस जाना बंद नहीं हुआ तो सरपंच कप्तान सिंह एक दिन जिला पंचायत सीईओ के कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमें बचाने के लिए नोटिस का जवाब देने के लिए हमसे कुछ दलालों ने पैसा ऐंठ लिया। दलालों ने भिंड पुलिस अधीक्षक के नाम से 50 हजार की राशि ली है और कहा कि तुम्हारे ऊपर फिर कोई कार्यवाही नहीं होने देंगे। सरपंच की पूरी बात सुनकर जिला पंचायत सीईओ ने भिंड पुलिस अधीक्षक को फोन लगा कर पूरी बात बताई। भिंड पुलिस अधीक्षक असित यादव ने शिक्षक राजेश सिंह कुशवाह को एसपी ऑफिस बुलाया और मामले की बारीकी से जांच की तो राजेश कुशवाह उसे मामले में दोषी पाए गए। भिंड सिटी कोतवाली में राजेश कुशवाहा के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर दिया।
भिंड पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की बारीकी से राजेश सिंह कुशवाहा से पूछताछ की तो राजेश सिंह कुशवाहा ने दो दलाल पत्रकारों के भी नाम एफआईआर में लिखे है। राजेश कुशवाह शासकीय शिक्षक हैं, हालांकि सिटी कोतवाली थाना प्रभारी ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया। लेकिन अब उसकी जमानत भी हो चुकी है। लेकिन आरोपी ने जो भिंड पुलिस अधीक्षक को दो तथाकथित पत्रकारों के नाम बताए हैं, उन पर अभी तक भिंड पुलिस अधीक्षक ने या संबंधित थाना प्रभारी ने अब तक मामला दर्ज नहीं किया है।
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