राकेश चतुर्वेदी, भोपाल. प्रदेश को एक और वन्यजीव अभ्यारण्य मिल गया है. मोहन सरकार ने सागर जिले के 258.64 वर्ग किलोमीटर आरक्षित वन क्षेत्र को 25वां अभ्यारण्य घोषित करने की अधिसूचना की जारी की है. इस अभ्यारण को संविधान निर्माता डॉ. भीवराव अंबेडकर के नाम से जाना जाएगा.
दरअसल, मोहन सरकार ने अंबेडकर जयंती से पहले सागर जिले में 258.64 वर्ग किलोमीटर आरक्षित वन क्षेत्र को डॉ. भीमराव अंबेडकर अभ्यारण्य घोषित किया गया है. जो कि प्रदेश का 25वां अभ्यारण्य होगा. सरकार का मानना है कि अभ्यारण के गठन से वन और वन्य-प्राणियों का संरक्षण और संवर्धन होगा.
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इसके अलावा पारिस्थितिकीय तंत्र में खाद्य श्रृंखला सुदृढ़ होगी. पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय रोजगार के अवसर सृजित होंगे. बता दें कि यह संरक्षित क्षेत्र उत्तर सागर वन मंडल की तहसील बंडा और शाहगढ़ के वन क्षेत्रों में स्थित है. 14 अप्रैल अंबेडकर जयंती है. ऐसे में सरकार के इस फैसले को बाबा साहब के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में भी देखा जा रहा है.
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राघौगढ़ में वन अभ्यारण्य की उठी मांग
इधर, गुना के राघौगढ़ में वन अभ्यारण्य की मांग उठी रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने यह मांग उठाई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा- सागर जिले में प्रदेश के 25 वे वन अभ्यारण्य की घोषणा का स्वागत है,आवश्यक भी है. राघौगढ़ का वर्षों से लंबित अभ्यारण्य भी घोषणा की प्रतीक्षा में है. रोकने के राजनीतिक कारण अगर हैं तो ये अनुचित है. जल्दी स्वीकृत हो.
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