शिखिल ब्यौहार, भोपाल. पुलिस आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़े मामले में अब तक 10 जिलों में 30 एफआईआर दर्ज की गई हैं. पुलिस मुख्यालय ने संबंधित जिलों से विस्तृत जानकारी मांगी है. वहीं जिन अभ्यर्थियों ने ज्वाइन नहीं किया है, उनकी भी जांच शुरू कर दी गई है.

दरअसल, बीते 23 अप्रैल को एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें 15 दिनों के अंदर ज्वाइन करने का निर्देश था. अब तक लगभग 450 अभ्यर्थियों ने अपनी ज्वाइनिंग नहीं की है, जिससे भर्ती प्रक्रिया में बाधा आ रही है और फर्जीवाड़े का खतरा बढ़ रहा है.

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ऐसे दिया फर्जीवाड़े को अंजाम 

बता दें कई नवआरक्षकों ने हेराफेरी कर रिटन एग्जाम में अपनी जगह सॉल्वर को बैठाया था. जांच में खुलासा हुआ कि इन लोगों ने आधार कार्ड में हेरफेर और फोटो और बायोमेट्रिक डेटा चेंज करके इस बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है. परीक्षा में पास होने के बाद इन अभ्यर्थियों ने फिर से आधार में अपनी असली पहचान अपडेट कर ली, जिससे भर्ती प्रक्रिया में धांधली कर चयन प्राप्त कर लिया.

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सबसे ज्यादा बिहार के साल्वर ने दी परीक्षा  

सबसे ज्यादा बिहार के साल्वर ने परीक्षा दी है. जांच में खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के आधार केंद्र का लॉगिन पासवर्ड से क्यूसेक संचालक ने आधार कार्ड अपडेट किए. एक सॉल्वर ने तो प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 7 अभ्यर्थियों की परीक्षा दी. अभ्यर्थियों से मुन्ना भाइयों ने 5 से 10 लाख रुपए लिए. आरक्षक भर्ती परीक्षा में बैठे मुन्नाभाइयों की संख्या 50 के पार हो सकती है.

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