राकेश चतुर्वेदी, भोपाल. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भोपाल से दवा की खरीद में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. दरअसल, भोपाल एम्स ने जेमसिटेबिन इंजेक्शन 2100 रुपये प्रति नग से खरीदा है. जबकि यह दवा दिल्ली ऐम्स ने 285 रुपये प्रति नग में खरीदा है.

जानकारी के मुताबिक, 15 मई को दिल्ली में स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक हुई थी. जिसमें भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने इस मुद्दे को उठाया था. जिसके बाद कमेटी की चेयरपर्सन और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने जांच का आश्वासन दिया था. वहीं अब इस मामले की जांच पड़ताल शुरू हो गई है.

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गुरुवार को दिल्ली से जांच टीम भोपाल एम्स पहुंची. जहां डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन और प्रेसिडेंट से करीब 4 घंटे तक पूछताछ की और खरीद प्रक्रिया की जानकारी ली गई. आरोप है कि कोरोना काल के बाद से केंद्र सरकार के दवा खरीद नियमों (GFR 2017) का पालन भोपाल एम्स ने नहीं किया और अमृत फार्मेसी के जरिए सीधे दवाएं खरीदी गई.

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अमृत फार्मेसी से केवल आपात स्थिति में दवाएं खरीदने की अनुमति थी. न कि पूरी सप्लाई के लिए. अन्य सभी एम्स डायरेक्ट टेंडर के जरिए दवाएं खरीदते हैं, लेकिन भोपाल एम्स अकेला ऐसा संस्थान है जो पूरी खरीद अमृत फार्मेसी से करता है और GFR नियमों का पालन नहीं करता.

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