सुधीर दंतोडिया, भोपाल. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संविधान गौरव दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने दल के नेताओं को भुलाने का काम किया. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले पं. मदनमोहन मालवीय हों या बाल गंगाधर तिलक. ये दोनों कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. जिन्होंने तिरंगा लहराया, लेकिन आजादी के बाद पं. नेहरू ने जैसे ही सत्ता हासिल की उन्होंने ऐसे महान नायकों का नाम मिटाने का अभियान चलाया. ऐसे नेताओं के साथ हिसाब चुकता किया. सुभाषचंद्र बोस ने भी चुनाव जीता और कांग्रेस अध्यक्ष बने, लेकिन उन्हें भी इस्तीफा देने को मजबूर किया गया. इसी तरह सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ भी इसी तरह भेदभाव हुआ.
परनाना की गलतियों की माफी मांगे कांग्रेस
सीएम ने कहा कि नेहरू जी ने स्वार्थ और संकुचित मानसिकता के कारण बाबा साहब अंबेडकर के साथ के साथ अन्याय किया. नेहरू जी को अपनी हीन भावना के कारण अंदर से डर था कि डॉ अंबेडकर कहीं आगे बढ़ गए तो मेरा क्या होगा. इस स्वार्थ भावना से डॉ अंबेडकर को पीछे किया गया. उनकी योग्यता के आधार पर मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया, उनकी भावनाओं का सम्मान न करते हुए धारा 370 का कलंक अपनाया. इसलिए कांग्रेस को संविधान यात्रा की बजाय अपने परनाना नेहरू के कर्मों लिए माफी यात्रा निकालनी चाहिए. क्योंकि इस कारण अंबेडकर को बहुत कष्ट पहुंचा था. इतना ही नहीं कांग्रेस ने डॉ अंबेडकर को एक नहीं दो-दो बार चुनाव हरवाया. उन्हें लोकसभा में नहीं पहुंचने दिया. जिसने डॉ अंबेडकर को चुनाव हराया उसे पद्मविभूषण देकर सम्मानित किया गया. डॉ अंबेडकर को 45 साल तक कांग्रेस ने कोई मान सम्मान नहीं दिया. यहां तक कि लोकसभा में फोटो तक नहीं लगाने दी. उनके जन्म स्थान से लेकर निर्वाण स्थल की कांग्रेस ने कभी सुध नहीं ली. जबकि भाजपा ने डॉ अंबेडकर और उनके अनुयायियों की भावना का सम्मान. उनके योगदान को हमने सच्चे देशभक्त की तरह नमन करते उनसे जुड़े स्थानों को तीर्थस्थल का रूप दिया. 14 अप्रैल और 6 दिसंबर हमारे लिये स्मरण के दिन बने.
कांग्रेस ने मिटाई असली गांधी की पहचान
कांग्रेस की महू में 27 जनवरी को प्रस्तावित यात्रा पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि ये जय बापू का नारा देकर उन्हें याद करने की बात कह रहे हैं, लेकिन महात्मा गांधी के पूरे खानदान का नाम मिटाने में नकली गांधी परिवार और कांग्रेस का योगदान है. खुद के खानदान को आगे बढ़ाकर नकली गांधी ने असली गांधी को मिटाने में पूरा जीवन लगा दिया. महात्मा गांधी का परिवार आज कहां है किसको पता है. उन्होंने इशारों में गांधी परिवार के सरनेम पर तंज कसते हुए कहा कि हमारी भारतीय परंपरा में बेटी की शादी होने पर वो सरनेम बदल लेती है, लेकिन जब गांधी सरनेम से वोट मिलता है तो ये किसी भी परिवार में जाएं गांधी सरनेम ही लगा रही हैं.
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने धारा 370 का जिक्र करते हुए कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर ने इसका विरोध किया था. इसीलिए डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की और बताया कि ये देशहित में नहीं है. उन्होंने कहा कि करीब 40 हजार अमर बलिदान, जिनमें सेना, पुलिस के जवान और आम लोगों शामिल हैं. उनके हत्यारे धारा 370 लगाने वाले लोग हैं. ये जनता इसका हिसाब मांगेगी. इसका पाप कांग्रेस के सिर पर है.
कांग्रेस की महू यात्रा पर साधा निशाना
सीएम ने कहा कि हमें हमारा संविधान इतना पवित्र है कि जब पीएम मोदी संसद में गए तो संविधान को शीश नवाकर पहुंचे. हमें अपने संविधान पर गर्व है. इसी के सहारे हम दोबारा धारा 370 हटाकर जम्मू कश्मीर को दोबारा देश की मुख्यधारा में लेकर आए. जबकि कांग्रेस ने इसी संविधान के साथ बेईमानी की. जब कोर्ट ने इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला दिया तो देश में आपातकाल लगा दिया गया. संविधान का अपमान करने वाली कांग्रेस आज बगुलाभगत के रुप में यात्रा निकाल रही है.
दिल्ली से चुनाव क्यों नहीं लड़ता गांधी परिवार
सीएम डॉ यादव ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो चुनाव लड़ने केरल पहुंच गए. ये इतने ही महान और लोकप्रिय थे तो फिर दिल्ली से लोकसभा का चुनाव क्यों नहीं लड़ते? दिल्ली में चुनाव लड़े तो इन्हें असलियत पता चल जाएगी.
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