शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में शीतलहर चलने से ठिठुरन बढ़ गई है। इस बीच राजधानी भोपाल में अलग-अलग जगहों पर 3 लोगों के शव मिले हैं। आशंका है कि कड़ाके की ठंड से तीनों की मौत हुई है।

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मृतकों की पहचान में जुटी पुलिस

भोपाल के हनुमानगंज थाना इलाके में दो शव मिले हैं। वहीं एक शख्स का शव कोतवाली थाना इलाके में बरामद हुआ है। पुलिस अब इन तीनों की पहचान करने में जुट गई है।

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मौतों का जिम्मेदार कौन?

इन मौतों को लेकर नगर निगम की व्यवस्था पर सवाल उठना जायज है। प्रशासन दावे करता है कि शहर में बने रैन बसेरों में लोगों को पहुंचकर मदद की जा रही है। लेकिन फिर बेसहारा को सहारा क्यों नहीं मिल रहा है? दूसरी तरफ बढ़ते प्रदूषण की वजह से अलाव जलाने पर भी रोक लगाई गई है। जिससे फुटपाथ पर रहने वालों को ना रैन बसेरा मिल रहा और न ही वे अलाव जला पा रहे हैं। ऐसे में इन मौतों का जिम्मेदार कौन है?

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तापमान में गिरावट से और बढ़ेगी ठंड

गौरतलब है कि एमपी के कई शहर शीतलहर के चपेट में हैं। शाजापुर, शहडोल, जबलपुर, सिवनी, नौगांव, पचमढ़ी, नीमच और कटनी में शीतलहर चल रही है। प्रदेश में सबसे कम पचमढ़ी में 3.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। ग्वालियर में 4.6, रायसेन 4.4, भोपाल 6.8, राजगढ़ 4.5, रीवा 5.8 और नौगांव में 4.0 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है। बंगाल की खाड़ी में गहरा कम दबाव का बना हुआ है। उत्तरी भारत से आ रही बर्फीली हवाओं का भी एमपी में असर दिख रहा है। अगले दो दिनों में प्रदेश के 35 से ज्यादा जिले शीतलहर के चपेट में होंगे।

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