शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने चुनाव आयोग को शिकायती पत्र लिखते हुए विजयपुर और बुधनी विधानसभा के उपचुनाव की मतगणना निष्पक्षता के साथ कराए जाने की मांग की है। धनोपिया ने पत्र में लिखा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं द्वारा प्रशासनिक व्यवस्थाओं में हस्तक्षेप के कारण बहुत सी अनियमितताएं हुई। जिनकी शिकायतें समय-समय पर कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है। इन शिकायतों के आपेक्ष में अधिकांश शिकायतों के निराकरण होने की जानकारी नहीं मिली है। ऐसी स्थिति में दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशियों द्वारा मतगणना के दौरान बहुत सी अनियमितताएं होने के संबंध में संदेह व्यक्त किया गया है।
कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग से 11 बिंदु में की मांग
- मतगणना दिवस को स्ट्रांग रूम से गणना के लिए ईवीएम ले जाने के पूर्व स्ट्रांग रूम खोलते समय पूर्ण संतुष्टि के लिए कांग्रेस प्रत्याशी को आवश्यक रूप से उपस्थित रखा जाए। इवीएम मशीनों को मतगणना स्थल पर लाने के दौरान सम्पूर्ण अवधि की वीडियोग्राफी आवश्यक रूप से कराई जाए।
- प्रथम चरण की इवीएम मशीनों के मतगणना टेबिल पर पहुंचने के उपरांत द्वितीय चरण हेतु इवीएम मशीनों को सुरक्षित रखने की दृष्टि से पुनः स्ट्रांग रूम को लॉक किया जाए..स्ट्रांग रूम को किसी भी तरह से खुला हुआ ना रखा जाए।
- ईवीएम मशीनों के मतगणना प्रारंभ करने के पूर्व ईवीएम मशीन का सत्यापन कांग्रेस पार्टी के मतगणना अभिकर्ताओं को पूर्ण रूप से दिखाया जाए..सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जाए
- जिसमें इवीएम मशीन क्रमांक, मतदान केन्द्र, मतदाताओं की संख्या तथा ईवीएम मशीन में स्थापित बैटरी की चार्जिंग का प्रतिशत भी मतगणना अभिकर्ता को उपलब्ध कराया जाए।
- मतगणना स्थल पर किसी भी तरह की नेटवर्किंग में इंटरनेट का उपयोग नहीं किया जाए.. क्योंकि इंटरनेट उपयोग होने से कई प्रकार की अनुचित घटनाएं घठित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
- डाक मतपत्रों की मतगणना प्रारंभ होने के आधा घंटा पश्चात ईवीएम मशीनों की मतगणना प्रारंभ की जाए, लेकिन मतगणना के समय अंतिम ईवीएम मशीन की गणना तब तक प्रारंभ ना कराई जाए। जब तक डाक मतपत्रों की गणना पूर्ण नहीं हो जाए.. क्योंकि पूर्व के चुनावों पर सत्ता पक्ष के दबाव के चलते घालमेल होता रहा है.. जिसे इस बार होने से रोका जाए।
- डाक मतपत्रों की गणना करते समय प्रत्येक डाक मतपत्र को सावधनीपूर्वक चेक कराया जावे क्योंकि देखा गया है कि सत्तापक्ष के दबाव में अनुचित एवं अवैध दिख रहे मतपत्रों की भी गणना कर दी जाती है.. कांग्रेस मतगणना अभिकर्ता को डरा धमका कर चुप करा दिया जाता है।
- प्रथम चरण की मतगणना उपरांत प्रत्याशी को प्रत्येक चरण का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जावे तथा जब तक प्रथम चरण की मतगणना के प्रमाण पत्र की सत्यता सत्यापित होने के संबंध में प्रत्याशी द्वारा सहमति ना दी जावे तब तक दूसरे चरण की गणना प्रारंभ ना की जाए।
- ईवीएम की मतगणना में वीवीपेड स्लीप की मतगणना आवश्यक रूप से कराई जाए, तथा किसी प्रकार से वीवीपेड एवं ईवीएम के मतों में भिन्नता पाए जाने पर पुनः मतगणना कराई जावे क्योंकि यह देखा गया है कि मतगणना में जीत-हार के चुनाव का अंतर ज्यादा होने पर वीवीपेड की पर्चिया जो कि नियमानुसार प्रत्येक विधानसभा में 5 मतदान केन्द्रों की गिनती की जाना है, लेकिन जानकारी अनुसार कई बार 5 मतदान केन्द्रों की वीवीपेड की पर्चियों की गिनती नहीं की जाती है। वीवीपेड की पर्चियों की मतगणना पूर्ण होने के उपरांत ही चुनाव का अंतिम परिणाम घोषित किया जावे।
- सत्तारूढ़ भाजपा के दबाव में प्रशासनिक व्यवस्था के अन्तर्गत कांग्रेस समर्थित मतगणना अभिकर्ताओं को कई तरह से प्रताड़ित किया जाता है तथा भाजपा के मतदान अभिकर्ताओं को महत्व दिया जाता है, उनकी हर बात सुनी जाती है कांग्रेस पार्टी के मतगणना अभिकर्ता द्वारा पुर्न मतगणना की मांग किए जाने पर अनसुना कर दिया जातसा है और भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया जाता है जिसे रोका जाना आवश्यक है।
- मतगणना स्थल पर भाजपा द्वारा सत्ता का दुरूपयोग करते हुए कई बाहरी असामाजिक तत्वों को मतगणना स्थल पर ले जाना संभव होता है, जो मतगणना के दौरान मनोवैज्ञानिक रूप से दबाव बनाकर कांग्रेस समर्थित अभिकर्ताओं को डराते धमकाते है, जिसका प्रभाव सीधे सीधे मतगणना के कार्य में पड़ता है जिसे रोके जाने की व्यवस्था की जावे।
- मतगणना के समय शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा गणना हेतु केलकुलेटर का उपयोग किया जाता है, इसलिए मतगणना अभिकर्ता को भी केलकुलेटर को मतगणना स्थल पर ले जाने एवं उसका उपयोग किए जाने की अनुमति दी जावे।
धनोपिया ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से आग्रह करते हुए कहा कि विजयपुर एवं बुधनी विधानसभा क्षेत्र में सम्पन्न हुए उपचुनाव की मतगणना के समय उपरोक्त सभी बिंदुओं पर विशेष ध्यान रखा जाए, एवं उनका पालन कराए जाने की कार्यवाही की जाए। जिससे कि दोनों ही क्षेत्रों की मतगणना निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रूप से सम्पन्न हो सके।
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