शिखिल ब्यौहार, भोपाल। केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज ‘सड़क एवं पुल निर्माण के क्षेत्र में उभरती नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों’ पर सेमिनार का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर समेत तमाम विषयों पर बात की। उन्होंने कहा कि हमारे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्व आप सब जानते हैं। किसी भी देश के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इंफ्रास्ट्रक्चर की है। जब हम अच्छा काम करते हैं, क्रेडिट मिलता है तो क्या मिलता है आप सभी जानते हैं।

मैं मैनेजमेंट का विद्यार्थी हूं

नितिन गडकरी ने कहा कि मैं मैनेजमेंट का विद्यार्थी हूं। जब हम बैठेंगे, मिलेंगे, विचार करेंगे और बेहतर काम करेंगे तो जो कमियां हमारे सामने आती है उन्हें सुधारना भी जरूरी है। ज्ञान सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। कई बार छोटे लोगों से भी अच्छा ज्ञान मिलता है। उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन की तारीफ भी की। कहा कि अनुराग जैन ने कई काम किए। भारत सरकार का गति शक्ति अनुराग जैन ने खड़ा किया। परफेक्शन इन डीपीआर का काम गजब है। 

अफसर नहीं करते रोड निर्माण का निरीक्षण
उन्होंने कहा कि कई अफसर रोड निर्माण से पहले मौके का निरीक्षण नहीं करते। जब रोड बनना शुरू होता है तो कभी मंदिर बीच में आती है, कभी मस्जिद। फिर हमारे पास आते हैं। ग्राउंड पर सही डीपीआर बनना जरूरी है। पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जो रहे, उन्होंने गांव में सड़कों के विकास की प्लानिंग की। साथ ही इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने पूरे देश में लागू कराया। 

मैंने शिवराज सिंह से बड़ा तालाब पर ब्रिज बनाने कहा
गडकरी ने कहा कि भोपाल में बहुत सारे तालाब हैं। मैने शिवराज जी से कहा था कि बड़ा तालाब पर एक ब्रिज बनवाओ। फिर कहा कि अंडरवाटर बनाया जा सकता है। मैंने ब्रह्मपुत्र और गंगा में करीब 17 जगह पर एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए रोपेक्स बनाए। भोपाल में रोपेक्स पर काम हो सकता है। 

जनरेटर में हो सकता है मेथेनॉल का उपयोग
गडकरी ने मेथेनाल का उपयोग जनरेटर में करने की तरकीब बताई। उन्होंने कहा कि यह नई तकनीक है। इसका रेट 22 रुपए लीटर है। डीजल बहुत महंगा है। जनरेटर में उसका उपयोग किया जा सकता है। सड़क निर्माण में बहुत लागत बचेगी। प्रदूषण को देखते हुए ग्रीन फ्यूल की ओर जाना चाहिए। अलग-अलग निर्माण में 90 लाख टन डामर लगता है। मैंने सलाह दिया कि इसमें प्लास्टिक डालो। इसका पूरा तकनीक तैयार कराया। जो डामर हमें 50 रुपए का पड़ रहा था वह 35 रुपए का हो गया। रबर और प्लास्टिक दोनों का उपयोग भी हो गया। याद रखिए कुछ एक्सपेरिमेंट सफल होते हैं, कुछ नहीं होते। सोचे तो जरूर होगा। 

हमसफ़र प्रोजेक्ट बना रहे हैं
उन्होंने कहा कि मक्का का रेट कम हुआ है। कल मेरी शिवराज सिंह से बात चल रही थी। छिंदवाड़ा में ऐसा हुआ। खेती में डीजल की लागत कम कर दो फायदा बढ़ जाएगा। मैंने कहा कि ऊर्जा के दूसरे स्रोतों को देखना चाहिए। मध्य प्रदेश में बहुत सारे आयाम है। रोड अच्छी बनेगी तो उद्योगों का भी विकास होगा हमसफर एक प्रोजेक्ट हम बना रहे हैं। ऐसे प्रोजेक्ट से रोजगार भी बढ़ेगा। सड़क के दोनों ओर अच्छे विकास कार्य होंगे रेस्टोरेंट होंगे, अच्छे स्टेशन होंगे। गति शक्ति का यही उद्देश्य है। नागपुर में एक ही स्थान पर ऊपर मेट्रो, फिर हाईवे, फिर सड़क, फिर ट्रेन है। ऐसे प्रोजेक्ट देश के अन्य शहर में भी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में भी ऐसा प्लानिंग करेंगे आप भी सोचिए। 

मध्य प्रदेश के लिए आने वाले समय में बड़ा संकट है, जिसका नाम पॉल्यूशन
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण को के लिए भी कवायत करनी चाहिए। सड़क निर्माण में बहुत सारी मिट्टी लगती है, खुद ली जाती है। उन जगहों पर तालाबों का निर्माण कराएं। नदियों पर या वाटर बॉडी पर निर्माण के लिए तकनीक का इस्तेमाल करें। ऐसे पत्थरों का निर्माण के दौरान इस्तेमाल करें, पत्थरों में बड़े होल का इस्तेमाल करें। ताकि पानी भी धरती में जाए। इससे ग्राउंड लेवल वाटर काम नहीं होगा और निर्माण से पर्यावरण पर असर नहीं होगा। रोड बनेगी, विकास होगा, विकास होगा इंडस्ट्री आएगी, इंडस्ट्री आएगी तो प्रदूषण भी बढ़ेगा, इसलिए यह कोशिश कीजिए कि ग्रीन रोड बनाएं। आने वाले समय में यह बड़ा संकट हो सकता है मध्य प्रदेश के लिए उसका नाम है पॉल्यूशन। 

साहब को मैनेज कर लेंगे, ये सोच नहीं चलेगी 
भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय मंत्री बोले कि कई की सोच है साहब को मैनेज कर लेंगे। कर भी लिया और 2 साल बाद सड़क खत्म हो गई। ऐसा नहीं चलेगा। क्वालिटी के साथ कंप्रोमाइज नहीं होगा। कार्रवाई भी तत्काल करूंगा। रोड इंजीनियरिंग में गड़बड़ी के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं होती है। मैं भी सड़क दुर्घटना का शिकार बना हूं। इसे बहुत गंभीरता से लीजिए। ब्लैक स्पॉट को चिन्हित करो। सिग्नल अच्छी जगह बताएं। आपको तुरंत रोड इंजीनियरिंग पर चिंता करनी चाहिए। 

जितने लोग युद्ध और कोरोना में नहीं मारे गए, उतने सड़क दुर्घटना में मर जाते हैं
जितने लोग युद्ध में नहीं मारे कोरोना में नहीं मारे वह सड़क दुर्घटना में मर जाते हैं यह आंकड़ा बहुत बड़ा है। कभी कोई आदमी पूर्ण नहीं होता। जो गलतियां हैं। उन्हें स्वीकार कीजिए और आगे भी बढ़ जाएं। परफेक्शन की और बढ़ जाओ। बहुत बड़ी जिम्मेदारी है आप पर समझिए। आने वाला रोड इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका से भी बहुत अच्छा होगा। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। 

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