शिखिल ब्यौहार, भोपाल। नवरात्रि के उत्साह के बीच भोपाल में गरबा आयोजनों को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। भोपाल कलेक्टर के आदेशानुसार, सभी गरबा पंडालों में सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्य स्थापना और प्रवेश के लिए पहचान पत्र (आईडी प्रूफ) की जांच अनिवार्य कर दी गई है। इस कदम का भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने खुलकर स्वागत किया है और मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की है।

कलेक्टर ने जारी किया गरबा को लेकर फरमान 

शहर में नवरात्रि का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है, जहां विभिन्न स्थानों पर गरबा और डांडिया कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। लेकिन पिछले वर्षों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इस बार सुरक्षा पर विशेष जोर दिया है। कलेक्टर के आदेश के मुताबिक, आयोजकों को पंडालों में उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे, जिनकी फुटेज जिला प्रशासन के पास उपलब्ध करानी होगी। साथ ही, किसी भी व्यक्ति को बिना वैध पहचान पत्र के प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह व्यवस्था न केवल शांति बनाए रखने बल्कि बहन-बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बताई जा रही है।

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भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मोहन सरकार की बहन-बेटियों की सुरक्षा के प्रति वचनबद्धता सराहनीय है। भोपाल कलेक्टर द्वारा जारी यह आदेश निश्चित रूप से स्वागतयोग्य है।” उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि गरबा पंडालों में कोई भी जिहादी तत्व प्रवेश न कर सके, इसके लिए आयोजकों और जिला प्रशासन को सतर्क रहना चाहिए। शर्मा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “बहन-बेटियों पर बुरी नजर रखने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सरकार इस मामले में किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरतेगी।

कलेक्टर की गाइडलाइन पर कांग्रेस को आपत्ति

इधर भोपाल कलेक्टर के इस आदेश पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि पिछले 10 सालों से हर साल यही कहा जाता है किसी और धर्म के लोग को एंट्री नहीं मिलेगी। अरे कोई जाता ही नहीं, यह सिर्फ डराने की कोशिश हो रही है। अधिकारी बीजेपी के नेताओं को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। भला किस संविधान में लिखा है कि कौन क्या खाएगा कैसे त्योहार मनाएगा।  

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