राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। कूनो चीता परियोजना (Kuno Cheetah Project) की जानकारी देना राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) को खतरा है. सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी देने से इनकार करते हुए मध्य प्रदेश वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ ने यह तर्क दिया है. इस फैसले के खिलाफ सूचना आयोग में याचिका दायर की गई तो प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त ने याचिका स्वीकार करते हुए पीसीसीएफ और एपीसीसीएफ को पेशी पर बुलाया है.

चीता परियोजना से संबंधित जानकारी छिपाने से जुड़ा है मामला

मुख्य सूचना आयुक्त विजय यादव ने पेशी की तारीख 11 मार्च तय की है. इस दिन प्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन शुभ रंजन सेन को पेश होने का आदेश दिया है. नोटिस देने का यह मामला सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत चीता परियोजना से संबंधित जानकारी छिपाने से जुड़ा है. 

आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे में मांगी थी जानकारी

आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे राज्य सूचना आयोग में याचिका लगाते हुए कहा था कि चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन शुभ रंजन सेन ने लोक सूचना अधिकारी वन्य प्राणी मुख्यालय के अधिकारों में अवैध दखल देते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया है और जानकारी देने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है. अजय दुबे ने सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी 25 जुलाई 2024 को आवेदन देकर मांगी थी. 

11 मार्च 2025 को हाजिर होंगे

मुख्य सूचना आयुक्त विजय यादव ने आयोग में पेश की गई नोटशीट के आधार पर वन्य प्राणी संरक्षण मुख्यालय के मुखिया को लोक सूचना अधिकारी माना. आयोग ने इस मामले में पीसीसीएफ शुभ रंजन सेन सहित एपीसीसीएफ को नोटिस जारी कर तलब किया है और 11 मार्च 2025 को हाजिर होने के लिए कहा है.

चीतों को बसाने भारत सरकार लाई थी चीता परियोजना

आपको बता दें भारत में चीता बसाने के लिए भारत सरकार चीता परियोजना लेकर आई थी. मध्य प्रदेश के कूनो में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीता लाकर छोड़े गए हैं. अजय दुबे ने कहा है कि सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 8(1)(a) का हवाला देते हुए जानकारी देने से इनकार किया है. इस धारा के तहत विदेशी राष्ट्रों के संबंध के विषय भारत सरकार तय करती है न कि राज्य सरकार. इसके बाद भी प्रदेश के वन अफसरों ने जानकारी देने से इनकार कर दिया है.

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H