भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अशोकनगर के दौरे पर पहुंचे। पीएम मोदी यहां ईसागढ़ स्थित श्रीआनंदपुर धाम में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। पीएम मोदी यहां करीब दो घंटे रहें। पीएम इस दौरान परमहंस अद्वैत मठ के मंदिरों में दर्शन, प्रमुख गुरू से भेंट और सत्संग कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा किसेवा ऐसी गंगा है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति डुबकी लगाए तो उसका जीवन सार्थक हो सकता है। आज आनंदपुर धाम आकर मन अभिभूत है, जिस भूमि का कण-कण संतों की तपस्या से सींचा गया है, जहां सेवा के संकल्प मानवता का पथ प्रशस्त करते हों, वो धरती साधारण नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां मंदिर में दर्शन किए और सेवा कार्यों की जानकारी ली तो हृदय आनंदित हो गया। 

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में आनंदपुर ट्रस्ट के प्रयास सराहनीय और अनुकरणीय है। केन्द्र सरकार भी सेवा की भावना को केन्द्र में रखकर निर्धन वर्ग के लिए नि:शुल्क अनाज, पेयजल, आवास और स्वास्थ्य से जुड़ी जनकल्याण की योजनाओं का संचालन कर रही है। देश में नए-नए एम्स, आईआईटी, आईआईएम संस्थान प्रारंभ किए जा रहे हैं। हमारा पर्यावरण संरक्षित हो, इसके लिए एक पेड़ मां के नाम अभियान जारी है। गरीब और वंचित व्यक्तियों के उत्थान के लिए सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास का मंत्र सरकार की नीति और निष्ठा है। सेवा की भावना हमारे व्यक्तित्व को निखारती है और व्यक्ति को बड़े उद्देश्यों से जोड़ती है। 

आनंदपुर क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अशोकनगर के आनंदपुर क्षेत्र का विकास हमारा दायित्व है। इस क्षेत्र में कला, संस्कृति अर्थात् विरासत से विकास की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में चंदेरी साड़ी को जीआई टैग प्राप्त हुआ है। प्राणपुर में हैंण्डलूम विलेज प्रारंभ किया गया है। मध्यप्रदेश में विरासत के संरक्षण के साथ विकास के प्रयास हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सिंहस्थ : 2028 की तैयारियां भी प्रारंभ करवा चुके हैं। प्रदेश की सरकार और नागरिक विकास में जुट गए हैं।

आनंदपुर की धरती पर शोक भी आने डरता है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस धरती पर परमार्थ और सेवा के संकल्प जारी हैं, ये धरती सामान्य नहीं है। अशोकनगर की धरती पर शोक भी आने से डरता है। गुरु महाराज जी के अवतरण दिवस पर यहां आने का सुअवसर मिला है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामी अद्वैत जी महाराज एवं संस्थान की सभी पादशाही महाराज को प्रणाम करते हुए द्वितीय और तृतीय पादशाही के समाधि दिवस पर उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने मां विजयासन और अशोकनगर जिले के श्रद्धा स्थल करीला धाम की मां जानकी देवी को भी प्रणाम किया।

शंकराचार्य जी से लेकर परमहंस अद्वैत जी महाराज तक अद्वैत दर्शन का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत भूमि-ऋषियों की रही है। समाज जब किसी मुश्किल दौर से गुजरता है तो कोई ऋषि अवश्य अवतरित होता है। आदि शंकराचार्य ने अद्वैत से हम सबका परिचय करवाया। उस कालखंड में ऐसे ऋषि-मुनि आए जिन्होंने अद्वैत का विचार रखकर समाज को जागृत करने का कार्य किया। इसी परम्परा में परमहंस अद्वैत जी महाराज ने भी इस विचार एवं ज्ञान को सरल बनाया और जन सामान्य के बीच पहुंचाने का बीड़ा उठाया। आज भौतिक उन्नति के बीच दुनिया के देशों में युद्ध और संघर्ष सहित कई चिंताएं विद्यमान हैं, जो मानव को मानव से दूर करती हैं। इनका समाधान अद्वैत के विचार में मिलेगा। अद्वैत यानी जहां कोई द्वैत नहीं है। अपने और पराये की मानसिकता का त्याग करते हुए जीव मात्र में एक ही ईश्वर को देखने का विचार इस दर्शन में शामिल है। संपूर्ण सृष्टि को ईश्वर के रूप में देखना ही अद्वैत है। परमहंस दयाल जी महाराज कहते थे कि जो तू है, सो मैं हूं… यह विचार मेरे और तुम्हारे का भेद खत्म कर देता है। अगर कोई यह विचार मान ले तो सारे झगड़े खत्म हो जाएं।

आनंदपुर ट्रस्ट के सेवा प्रकल्प सराहनीय

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुरु महाराज ने आनंद धाम के नियम और कर्तव्यों के बारे में आज विस्तार से बताया है। सेवाभाव यहां का प्रमुख कार्य है। ट्रस्ट की ओर से मनोयोगपूर्वक संचालित सेवा कार्यों में अस्पताल, गौ-शाला, नई पीढ़ी के निर्माण के लिए अच्छी शिक्षा देने वाले स्कूल और पर्यावरण संरक्षण के प्रकल्प शामिल हैं। आश्रम के अनुयायियों ने हजारों एकड़ बंजर जमीन को हरा-भरा बनाया है। सेवा की यही भावना हमारी सरकार के केंद्र में है। यह हमें व्यक्तिगत चिंता से हटाकर समाज और राष्ट्र से जोड़ती है।

आनंदधाम से सीखा, गरीबों की सेवा ही ईश्वर सेवा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गरीबों की सेवा करो, और उनकी आत्मा में रच-बस जाओ, यही परमार्थ है, यही सच्ची मानव सेवा है। गुरुजी महाराज की सेवा भावना से हमें भी प्रेरणा मिलती है। शांति का जो पाठ उन्होंने समाज को दिया है वह अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुरु जी महाराज ने इस आनंदधाम को सेवा का केंद्र बनाया है। हमारी सरकार भी ऐसा ही सेवा केंद्र बनाएगी। हम गौमाता की भी सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि आनंदधाम अपने नाम को धन्य और सार्थक कर रहा है। आनंद धाम से हमने सीखा है कि गरीबों की सेवा कर ईश्वर के करीब कैसे आया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रेम और अपनत्व के इस सुख सागर में बार-बार डुबकी लगाने वे यहां जरूर आएंगे।

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