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शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में एक बार फिर नाम बदलने की सियासत जोरों पर है। बीते दिनों मुख्यमंत्री ने उज्जैन दौरे के दौरान तीन गांवों के नाम बदलने की बात कही। इसके बाद मध्यप्रदेश के साधु-संत समेत हिंदूवादी संगठनों ने बैठक की। साथ ही 60 नामों के बदलाव का प्रस्ताव भी तैयार किया। हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों ने बताया कि विधर्मियों और आक्रांताओं ने अपनी छाप छोड़ने के लिए बलपूर्वक नामों को बदला था। मुगलों की घोर यातनाओं को याद दिलाने वाले इन नामों को बदलने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की जाएगी। इस मांग को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं।
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संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि कई स्थानों के नाम आज भी ऐसे हैं जो सनातन के साथ राष्ट्रीयता पर किसी दाग से कम नहीं है। लिहाजा इन दाग को मिटाने के लिए एक एक दर्जन से अधिक हिंदू संगठनों ने साधु-संतों की अगवाई में बैठक की। साथ ही यह निर्णय लिया कि नूरगंज, औबेदुल्लागंज, गोहरगंज, शमशाबाद, सुल्तानपुर, बेगमगंज, नजीराबाद, मुबारकपुर समेत कई नामों को बदला जाए। इसमें राजधानी भोपाल के जहांगीराबाद, शाहजहांनाबाद, हबीबगंज, पद्दे खां, समेत अन्य नाम शामिल हैं। इन नामों के बदलाव के प्रस्ताव के साथ सीएम यादव से प्रतिनिधि मंडल मुलाकात करेगा।
गुलामी और अत्याचारों की पहचान क्यों, हटाना होगा, आंदोलन होगा
अखिल भारतीय संत समिति के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर अनिलानंद महाराज ने बताया कि मुगलों ने न सिर्फ हमारे मंदिरों को तोड़ा बल्कि अपने घटिया कारनामों और अपराधों की छाप छोड़ने नाम भी बदले। प्रदेश ही नहीं बल्कि राजधानी में ही ऐसे कई नाम हैं जो आक्रांताओं की याद दिलाते हैं। अब समय बदल चुका है। लिहाजा अब सरकार ऐसे मामलों को लेकर और तेजी से निर्णय लेने की जरूरत है। समय-समय पर सरकारों से मुद्दे को लेकर बात भी होती रही है। लेकिन, नाम परिवर्तन और राष्ट्र सम्मान में यह कदम पहले ही उठा लिए जाने थे। उन्होंने कहा कि नाम बदलने के लिए निवेदन करेंगे। बात न बनी तो आंदोलन होगा।
नाम नहीं काम करने से होगा प्रदेश का विकास- कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि सरकार मजह सस्ती लोकप्रियता के कारण ऐसे कदम उठा रही है। पर्दे के पीछे से नाम बदलने की आवाज भी उठवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्थिति बेहद खराब है। कर्ज, बेरोजगारी, अपराध, माफिया राज हावी हो चुका है। ऐसे में नाम बदलने से बेहतर है सरकार कुछ सकारात्मक काम करे। जनता भी बीजेपी सरकार की ऐसी नीतियों से खुश नहीं है। प्रदेश में सरकार के खिलाफ जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
कांग्रेस के लिए टीपू सुल्तान और औरंगजेब महान- बीजेपी
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता मिलन भार्गव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के इस देश में पाप कम नहीं है। कांग्रेस ने देश की विरासत और संस्कृति के साथ न्याय नहीं किया। अब जन भावनाओं की सरकार है और जन भावनाओं के मुताबिक ही निर्णय होंगे। मुद्दा यदि जनता का है तो जनता की सरकार जनता के हित में कमद उठाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे कदमों से कांग्रेस को तकलीफ होने भी स्वाभाविक है। कांग्रेस के लिए औरंगजेब, टीपू सुल्तान, अकबर महान रहे हैं। कांग्रेस ने इस देश के स्मारक और सड़कों के नाम रखकर उनका महिमामंडन किया। हिंदू संस्कृति को चोट पहुंचाई। जिन्होंने बहनों की इज्जत लूटी, धर्म के नाम पर नरसंहार किया। उन विर्धमियों के गुण कांग्रेस ने ही गाए। अब देश की संस्कृति और विरासत का पुनरुत्थान हो रहा है। स्वामी विवेकानंद, भगत सिंह, राजगुरु, महाराणा प्रताप के सम्मान को बढ़ाया जा रहा है।
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