शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ अतिथि शिक्षक लामबंद हो गए हैं। लगातार नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। लेकिन सरकार और अतिथि शिक्षकों के बीच चल रही इस तनातनी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। स्कूलों के ताले नहीं खुले हैं जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

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दरअसल, मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों ने 2 अक्टूबर को हुए लाठीचार्ज और FIR के विरोध में स्कूलों का बहिष्कार कर दिया। मध्य प्रदेश में एक साथ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया था। एफआईआर वापस नहीं होने की दशा में पूरे मध्य प्रदेश में जेल भरो आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

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बता दें कि अतिथि शिक्षकों के आंदोलन से हजारों स्कूलों के ताले नहीं खुले। मध्य प्रदेश के शासकीय स्कूलों में स्कूल शिक्षा विभाग में 58 हजार और ट्राइबल में 35 हजार अतिथि शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं। स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। लगातार स्कूलों में अतिशेष और उच्च पद प्रभार से भी स्कूलों में  पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

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गौरतलब है कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर राजधानी भोपाल में अतिथि शिक्षकों ने उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और उनमें झड़प भी हुई। इस बीच पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। एक अतिथि शिक्षक ने बताया कि हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें पीटा गया। यहां पढ़ें पूरी खबर

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