शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के सियासी बयानों के तीर से देश की सियासत में भूचाल दिखाई दे रहा है. सनातन यात्राएं, संत, महात्माओं, शंकराचार्यों और कथावाचकों की अचानक से तेज होती मांग में सत्ता पर काबिज सियासतदार अब एक हैं. यह मांग कोर हिंदुत्व के एजेंडा की है. एजेंडा है हिंदू राष्ट्र. अब सवाल यह कि क्या ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की पटकथा की तैयारी एमपी से हो रही है. आखिर मध्य प्रदेश से ही देश में मजहबी हवाओं का रुख क्यों तेज दिखाई दे रहा है. आइए जानते हैं…
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, स्वामी रामभद्राचार्य, सुरेश शांडिल्य महाराज. अनिलानांद महाराज और भी कई संतों के नाम उस सूची में शामिल हैं, जो सनातन धर्म को लेकर लगातार मुखर है. इसके अलावा भगवा ए हिंद, गजवा ए हिंद, बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे सेफ रहेंगे, वक्फ बोर्ड हटाओ, बांग्लादेश की गलती नहीं होने देंगे जैसे मामलों में मध्य प्रदेश से निकली क्रिया और प्रतिक्रिया ने देश में जमकर हल्ला मचाया. पहले दबी, लेकिन अब हिंदू राष्ट्र की मांग जोरों पर है. आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने भी हिंदुओं की जनसंख्या को चिंता जाहिर कर कम से कम तीन बच्चों होने की मांग की. कोर हिंदुत्व के मुद्दे पर लगातार सामने भी आ रहे हैं. वन नेशनल वन इलेक्शन और वन एक्शन, हिंदू राष्ट्र और इस मुद्दे का बीजेपी ने भी समर्थन किया है.
सनातन धर्म पर लगातार हमला- बीजेपी
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि देश में चुनाव सबसे महत्वपूर्ण होती है जन भावनाएं. आज जिस तरह का दौर चल रहा है, कुछ लोग सनातन धर्म पर लगातार हमला कर रहे हैं. सनातन धर्म के सम्मान के लिए और सनातन धर्म पर होने वाले हमले के लिए जो राजनीतिक दल सामने आ रहे हैं. यह भी जनता के सामने है. यह निश्चित ही गंभीर विषय है. आगामी चुनाव में सनातन के मुद्दे और हिंदू राष्ट्र को ध्यान में रखकर होगा. मतदान भी उसी तरीके से होगा और मतदान पर भी निश्चित तौर पर असर पड़ेगा.
यह सब सियासी एजेंडा और चुनावी एजेंडा
इधर, हिंदू राष्ट्र के मुद्दे को लेकर ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष काजी सैयद अनस अली ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र बनाने की बात हो रही है. महकमों की मीटिंग हो रही है. राज्य और केंद्र सरकार का पूरा ध्यान इसी पर है कि हिंदू राष्ट्र किस तरीके से बनाया जाए. यात्रा निकाली जा रही है, लेकिन क्या दलितों और आदिवासियों से हो रहे धार्मिक भेदभाव पर हिंदुओं के मसीहा बने लोग बात नहीं करते. देश संविधान से चलता है. उन्होंने कहा कि कब तक दूसरों की इज्जत के साथ खिलवाड़ होगा. हिंदू को दूसरी दिशा में ले जाने का काम किया जा रहा है, यह सबसे सियासी कार्ड है. कब तक मस्जिदों के नीचे खुदाई होगी और कब तक मंदिरों को ढूंढने का काम होगा, यह सब सियासी एजेंडा है और चुनावी एजेंडा है.
विश्व हिंदू परिषद ने दिया ये बयान
मामले को लेकर सभी हिन्दू संगठन एक राय नजर आ रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि भारत का हिंदू बहुसंख्यक हैं, जो सोया हुआ था. लेकिन अब जाग चुका है. संविधान और लोकतंत्र भी हिंदू के कारण जिंदा है तो हिंदू राष्ट्र से दूसरों को दिक्कत क्यों. हमारे संत, महात्माओं के नेतृत्व में जगी अलख से खलबली मची है. कांग्रेस ने मुसलमानों के नाम पर रोटियां सेंकी. पहले मुस्लिम फैक्टर चलता था. आगे हिंदू फैक्टर ही चलेगा. अन्य हिंदू संगठनों ने कहा कि आगामी चुनाव हिंदुराष्ट्र का ही होगा, क्योंकि इतिहास की गलतियों को अब हिंदू दोहराने की स्थिति में नहीं, बल्कि मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत रखता है. यदि बटवारे में देश के नेता गलती न करते तो यह नौबत भी नहीं आती. पाकिस्तान और बांग्लादेश विभाजन के दौरान देश के तत्कालीन शीर्ष नेताओं की गलती का नजीता सनातनी सालों से भुगत रहा है.
मुद्दों से भटकाने के लिए किया जा रहा काम- कांग्रेस
मुस्लिम संगठनों के बयान पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने सहमति जाहिर कर बीजेपी को घेरा. कांग्रेस नेता अवनीश बुंदेला कहा कि मुद्दों से भटकाने के लिए प्रदेश से देश का सियासी रंग को बदलने का काम किया जा रहा है. धर्मगुरुओं, बाबाओं का बीजेपी सहारा ले रही है. हिंदू-मुस्लिम के नाम पर राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू राष्ट्र की पटकथा लिखी जा रही है. ताकि आगामी चुनावों में महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से भटकाने के लिए यह नया एजेंडा प्लान है. समाजवादी पार्टी नेता मनोज यादव ने आरोप लगाया कि हिंदुओं को खतरा है तो सिर्फ बीजेपी और आरएसएस से है.
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