कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड की साइट से जहरीला कचरा एक महीने के अंदर हटाने के निर्देश दिए है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि कोई विभाग आदेश का पालन करने में विफल रहता है तो संबंधित प्रमुख सचिव पर अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।
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मुख्य सचिव व भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग के प्रमुख सचिव को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा। 40 साल बाद भी फैक्ट्री से कचरा नहीं हटने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी। बता दें कि दिसंबर 1984 को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में गैस रिसाव हुआ था, जिसमें हजारों लोगों की जानें गई थी।
गौरतलब है कि आलोक प्रभाव सिंह द्वारा साल 2004 में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि भोपाल गैस त्रासदी के दौरान यूनियन कार्बाइड कंपनी से हुए जहरीले गैस रिसाव में लगभग चार हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में करीब 350 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पड़ा है। याचिका में जहरीले कचरे के विनिष्टीकरण की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की मौत के बाद हाईकोर्ट मामले की सुनवाई स्वतः संज्ञान लेकर कर रहा है।
सरकार कोर्ट की फटकार पर ही क्यों जगती है- नेता प्रतिपक्ष
वहीं कोर्ट की फटकार के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का भी बयान सामने आया है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि सरकार कोर्ट की फटकार के बाद ही क्यों जगती है। ये सिर्फ जनता के वोट की सरकार है, भोपाल के गैस पीड़ितों को अब तक इंसाफ नहीं मिला है।
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