सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्यप्रदेश के तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने पदोन्नति की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन का ऐलान किया है। कर्मचारी संघ ने सवाल उठाया है कि विधि और विधायी कार्य विभाग में पदोन्नति की जा सकती हैं तो अन्य विभागों में क्यों नहीं। 8 साल से पदोन्नतियां रुकी है और एक लाख से अधिक कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त भी हो गए हैं।

अन्य विभागों में भी दी जा सकती है पदोन्नति

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि उच्चतम न्यायालय में पदोन्नतियों को लेकर प्रकरण दायर होने के बाद जिस प्रकार मध्यप्रदेश शासन विधि और विधायी कार्य विभाग में तृतीय श्रेणी के 48 एवं चतुर्थ श्रेणी के 30 कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान कर दी गईं इसी प्रकार सभी विभागों में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की जाए। संघ का कहना है जब विधि और विधायी विभाग में उच्चतम न्यायालय में याचिका निर्णय के अधीन रखकर जो पदोन्नतियां दी गई हैं उसी प्रकार के निर्णय के तहत सभी विभागों में भी पदोन्नति प्रदान की जा सकती हैं।

पदोन्नति आदेश जारी किए जाने के निर्देश

बता दें कि शासन द्वारा साल 2016 से पदोन्नति पर रोक है। लगभग 1 लाख से अधिक कर्मचारी अधिकारी सेवानिवृत्ति हो गए उन्हें पदोन्नति नहीं मिली है। कर्मचारी सेवा में आते हैं तो समय-समय पर पदोन्नति होने से पदनाम में वृद्धि एवं आर्थिक लाभ एवं अधिकार भी प्राप्त होते हैं इससे कहीं ना कहीं कर्मचारियों की कार्य कुशलता और सम्मान बढ़ता है। इससे पहले भी पशुपालन विभाग में पदोन्नति दी गई है। प्रदेश सरकार से मांग है कि कर्मचारियों की 8 साल से रूकीं पदोन्नतियां आदेश जारी किए जाने के निर्देश प्रदान करें।

उमाशंकर तिवारी, महामंत्री मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H