सदफ हामिद, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गैस पीड़ित संगठन ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. गैस पीड़ित संगठन का कहना है कि सरकार डीएओ कंपनियों के साथ है. जिन्होंने भोपाल में जहर घोला सरकार उन्हें बचा रही है.

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गैस पीड़ित संगठन ने कहा कि डीएओ कैमिकल के खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है. उसकी जिम्मेदारियों से बचने के लिए सरकार प्रोजेक्ट ला रही है. यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में 21 जगह कचरा है. जबकि कंपनी के बाहर 32 एकड़ में 1.7 मिलियन टन कचरा दफन है. उनका कहना है कि 100 साल तक जहरीली गैस का असर रहेगा. बावजूद इसके सरकार गलत आंकड़ा पेश कर कचरा हटाने की बात कर रही है.

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गैस पीड़त संगठन का आरोप है कि 337 मीट्रिक टन कचरे का ढकोसला किया जा रहा है. रोजगार देने का नाटक किया जा रहा है. गैस विभाग के पास गैस पीड़ितों के नाम पर 88 करोड़ रुपए हैं, लेकिन आज तक पीड़ितों को नहीं दिया गया. विधवा पेंशन, कैंसर गैस पीड़ितों को मुआवजा नहीं दिया गया. सबसे लाचार 5 हजार विधवाओं की पेंशन 2019 से बंद है. सरकार ने 2021 तक की पेंशन देने से इंकार कर दिया. कहा, पेंशन अप्रैल से दी जाएगी. सरकार ने डेढ़ साल की पेंशन रोक दी. उन्होंनेस कहा कि इसको लेकर कल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास गए, लेकिन मुलाकात नहीं हुई.

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