शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में व्यापमं का ‘जिन्न’ एक बार फिर बाहर आया है। व्यापमं घोटाले से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने 45 परिवहन आरक्षकों की नियुक्ति निरस्त की है। 12 साल बाद सरकार ने 45 परिवहन आरक्षकों की नियुक्तियां निरस्त कर दी है।

कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने हाईकोर्ट में जिरह के दौरान नियुक्तियों को वैध ठहराया था। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने कहा कि अगर नियुक्तियां वैध थी तो अब निरस्त क्यों की गई है? व्यापमं ने साल 2012 में परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा ली थी। व्यापमं ने 198 आरक्षकों के बजाय 332 आरक्षकों का चयन किया था। महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित सीटों पर 45 पुरुष अभ्यर्थियों को शासन ने चयनित कर लिया था।

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