राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले के बीच लगातार सियासत की खबरें आ रही हैं. इसी कड़ी में पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर अपने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से अलग होने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि इस ग्रुप में कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोग शामिल हैं, साथ ही यहां नौकरशाह बीजेपी के गुलाम बनकर काम कर रहे हैं. पूर्व मंत्री भिंड जिले की डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप में सदस्य थे.

पूर्व मंत्री और लहार विधायक डॉ गोविंद सिंह ने भिंड कलेक्टर सतीश कुमार को पत्र लिखकर खुद को डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से अलग कर लिया है. उन्होंने कहा कि समिति में सदस्यों का चुनाव बीजेपी के दबाव में किया गया है. हिस्ट्रीशीटर, 307 के आरोपियों को कमेटी में शामिल कर दिया गया है, कमेटी को मजाक बना दिया गया है.उन्होंने ये भी कहा कि इन अपराधियों के साथ मैं और मेरे साथी काम नहीं कर सकते हैं.

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समर्थन में उतरे पीसी शर्मा
विधायक डॉ. गोविंद सिंह के फैसले के समर्थन में पूर्वमंत्री पीसी शर्मा मैदान में उतर गए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक कंपलीट लॉकडाउन के खिलाफ हैं, जब सीएम से बैठक होती है तो वहां हमारी बात पर चर्चा ही नहीं होगी. जब सुझाव सुने ही नहीं जा रहे तो ऐसी बैठकों में कांग्रेस विधायक क्यों जाएंगे. शर्मा ने कहा कि इसलिए क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठकों से कांग्रेस विधायक दूर हो रहे है.

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गरीबों के सामने रोजी- रोटी का संकट
पीसी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस विधायक जमीन पर काम करना चाहते हैं, जिन विधायकों ने राशि दी, प्रशासन उसका तक उपयोग नहीं कर रहा है. एक महीने से लॉकडाउन होने से गरीबों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट है. उन्होंने ये भी कहा कि अकेले राशन से क्या होगा, कोई सिस्टम तो बनाना होगा न.